27 साल बाद रामनवमी पर बिहारवासियों को मिली खुशी, आजाद हुए भगवान; लोगों ने कहा- 'ऐतिहासिक है आज का दिन'

भोजपुर जिले में आज खुशी का दिन है, क्योंकि बिहार के आरा में आज कुछ ऐसा हुआ है, जिसको जान आप भी खुशी से झूम उठेंगे. दरअसल, आरा में पुलिस थाने के मालखाने में 27 साल से कैद भगवान को आखिरकार मंगलवार को रिहा कर दिया गया है.

भोजपुर जिले में आज खुशी का दिन है, क्योंकि बिहार के आरा में आज कुछ ऐसा हुआ है, जिसको जान आप भी खुशी से झूम उठेंगे. दरअसल, आरा में पुलिस थाने के मालखाने में 27 साल से कैद भगवान को आखिरकार मंगलवार को रिहा कर दिया गया है.

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Ritu Sharma
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कृष्णागढ़ ओपी थाना( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

भोजपुर जिले में आज खुशी का दिन है, क्योंकि बिहार के आरा में आज कुछ ऐसा हुआ है, जिसको जान आप भी खुशी से झूम उठेंगे. दरअसल, आरा में पुलिस थाने के मालखाने में 27 साल से कैद भगवान को आखिरकार मंगलवार को रिहा कर दिया गया है. कोर्ट के इस आदेश से सभी भक्तों में खुशी की लहर देखी जा रही है. आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-3 सतेंद्र सिंह ने रिहाई का आदेश जारी किया था. आदेश जारी होने के बाद बड़हरा प्रखंड के कृष्णागढ़ ओपी के मलखाना से अष्टधातु से बनी भगवान हनुमान जी व संत बरबर स्वामी की प्रतिमा को बाहर निकाला गया. इस फैसले के बाद पूरे क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा अर्चना की और भव्य शोभायात्रा निकाली. वहां के लोगों का कहना है कि, ''दोनों प्रतिमाओं की पुन: स्थापना गुंडी गांव स्थित भगवान श्रीरंगनाथ के मंदिर में की जाएगी. मूर्ति विमोचन में बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल और आरा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार दुबे सहित ग्रामीणों का वर्षों का प्रयास आखिरकार रंग लाया.'' 

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29 साल बाद कुएं में मिलीं मूर्तियां

आपको बता दें कि बिहारवासियों को ये खुशी करीब 29 साल का लम्बे इंतज़ार के बाद मिली है. दरअसल 29 साल पहले 29 मई 1994 को बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंड़ी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान मंदिर में स्थापित अष्ट धातु के बनी भगवान हनुमान और संत बरबर स्वामी की मूर्ति को अज्ञात चोरों ने चुरा लिया था. तत्कालीन मंदिर के पुजारी जनेश्वर द्विवेदी ने मूर्ति चोरी का आरोप लगाते हुए कृष्णागढ़ ओपी थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. बता दें कि पुलिस ने 25 मई 1996 को नगर थाना क्षेत्र के भलूही पुर गौसगंज बधार के चोंचबाग स्थित कुएं से दोनों मूर्तियों को बरामद कर थाने ले आई थी. इस पूरे मामले में अब फैसला हुआ है. बता दें कि 27 साल से मूर्तियां थाने के मालखाने में रखी हुई थीं. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट में मामले का निस्तारण हो गया और थाने के मालखाने में कैद दोनों मूर्तियों को आखिरकार कोर्ट के रिहाई आदेश के बाद रिहा कर दिया गया.

27 साल बाद बिहारवासियों का सालों का सपना हुआ पूरा 

आपको बता दें कि इस पूरे प्रकरण में जैसे ही कोर्ट से रिहाई का आदेश आया पूर्वी गुंडी पंचायत के मुखिया कृष्ण कुमार सिंह और उनके गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. मलखाने से मूर्तियां निकलने के बाद उनकी पूजा की गई और दर्जनों लोगों ने मूर्तियों की शोभायात्रा निकाली. मुखिया कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है, जहां एक और रामनवमी का पर्व चल रहा है, वहां दूसरी ओर सालों बाद मंदिर से चोरी हुई मूर्तियां मालखाने के बाहर लगाई गईं ओर उसको बड़े धूमधाम से स्थापित किया गया. कृष्णगढ़ ओपी थाना प्रभारी ब्रजेश सिंह ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि देवता को मालखाने से निकालकर मंदिर में स्थापित किया जा रहा है, जहां अब श्रद्धालु सीधे देवता के दर्शन और पूजा कर सकेंगे.

HIGHLIGHTS

  • 27 साल बाद आजाद हुए भगवान
  • बिहारवासियों का सालों का सपना हुआ पूरा 
  • लोगों ने कहा- 'ऐतिहासिक है आज का दिन'

Source : News State Bihar Jharkhand

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