Bihar New Mining Policy: बिहार सरकार की नई खनन नीति का असर दिखने लगा है. राज्य में अवैध बालू खनन पर नकेल कसने से सरकार को वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ है. खान एवं भूतत्व विभाग ने इस साल 3569 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली की है, जो निर्धारित लक्ष्य 3500 करोड़ रुपये से 14 प्रतिशत अधिक है.
बालू खनन से बढ़ी आय
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि नई खनन नीति लागू होने के बाद अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर रोक लगी है. इससे सरकारी खजाने में ज्यादा राजस्व जमा हुआ. खास बात यह है कि 25% से अधिक बालू घाटों के संवेदकों ने घाटों को सरकार को सरेंडर कर दिया था, फिर भी राजस्व में बढ़ोतरी दर्ज की गई.
अवैध खनन और हिंसा पर लगी रोक
मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि पर्यावरण के सख्त कानून की जटिलताओं के कारण भी कई बालू घाटों से बालू का खनन नहीं हो सका. इसके अलावा सड़कों पर नो एंट्री और जाम के कारण भी की कई समस्याएं आयीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि सख्त नियमों के कारण बालू घाटों पर गोलीबारी और हिंसा की घटनाएं बंद हुई हैं. पहले बालू के अवैध खनन को लेकर आए दिन संघर्ष और अपराध होते थे, लेकिन अब स्थिति नियंत्रित हो गई है.
मरम्मत पर करोड़ों की बचत
नई खनन नीति लागू होने से ओवरलोडिंग पर रोक लगी है. इससे राज्य की सड़कों और पुलों की हालत में सुधार हुआ है. सरकार को मरम्मत पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपये की बचत हुई है. उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नई खनन नीति के प्रावधान में सभी खनिज विकास पदाधिकारियों को मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की गई हैं. साथ ही, अवैध खनन और परिवहन की सूचना देने वालों के लिए इनाम की घोषणा की गई है. इससे विभाग को अवैध गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिल रही है.
अवैध खनन रोकने के लिए सख्त कदम
बिहार सरकार की सख्ती से बालू खनन में पारदर्शिता बढ़ी है और राज्य की अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ है. सरकार का कहना है कि आगे भी बालू माफिया पर लगाम लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे.