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लोकसभा चुनाव 2024( Photo Credit : Newsstate Bihar Jharkhand)
Bihar Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार गुरुवार को थम गया और अब अंतिम दौर की लड़ाई के बाद यह तय माना जा रहा है कि मुख्य मुकाबला दो प्रमुख गठबंधनों के बीच होगा. करीब ढाई महीने के इस चुनाव प्रचार के दौरान कई मुद्दे उठाए गए. इस दौरान नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर जारी रहा. पहले चरण के मतदान को लेकर 'आरक्षण' और 'संविधान खत्म' करने जैसे मुद्दों पर शुरू हुई सियासी लड़ाई खटाखट, फटाफट, धकाधक तक पहुंच गई और लोगों ने भी इसका खूब आनंद लिया. बता दें कि बिहार में नौकरियों के मुद्दे पर दोनों गठबंधनों के बीच श्रेय लेने की होड़ मची रही. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार में नौकरी देने का श्रेय पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को देने को लेकर इस चुनाव में जबरदस्त रणनीति बनाई. राजद ने जोर देकर कहा, ''तेजस्वी यादव की वजह से ही बिहार में नौकरियों की संख्या में वृद्धि हुई है. राजद ने इसे लोगों तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार अभियान चलाया.''
हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब इस मुद्दे को लेकर मोर्चा संभाला तब एनडीए ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. एनडीए के नेताओं ने राजद और नीतीश कुमार के कार्यकाल में नौकरी देने की तुलना सार्वजनिक मंचों पर करनी शुरू की. उन्होंने दावा किया, ''नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार में विकास हुआ है और रोजगार के अवसर बढ़े हैं. इसके अलावा, एनडीए ने राजद पर आरोप लगाते हुए कहा, ''उनके कार्यकाल में बिहार में भ्रष्टाचार और अपराध बढ़े थे, जबकि नीतीश कुमार ने राज्य को इन समस्याओं से निजात दिलाई है.'' बता दें कि इन मुद्दों के अलावा, चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. बीजेपी और जेडीयू ने अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए विकास के नारे लगाए, जबकि राजद ने बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया.
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'खटाखट, फटाफट' पर बिहार में सियासत
इधर, राजद ने संविधान, आरक्षण और लोकतंत्र की रक्षा की मुहिम को इस चुनाव से जोड़ने का पूरा प्रयास किया लेकिन इसी दौरान, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा मुसलमानों को आरक्षण देने वाले बयान ने एनडीए नेताओं को बड़ा मुद्दा सौंप दिया. चुनाव के अंतिम चरण तक एनडीए ने इस मुद्दे को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार की रैलियों में इस बयान को हवा देकर एनडीए के पक्ष में माहौल तैयार किया. भाजपा ने पिछड़ों और अति पिछड़ों के आरक्षण को मुसलमानों को देने की बात कर इस समाज को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की. उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि, 'राजद का यह बयान समाज के पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के आरक्षण के अधिकारों को खतरे में डाल सकता है.' बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रैलियों में बार-बार इस मुद्दे को उठाकर एनडीए के पक्ष में वोट देने की अपील की. उन्होंने जोर देकर कहा, ''एनडीए ही संविधान, आरक्षण, और लोकतंत्र की रक्षा कर सकता है.''
इधर, अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण और सीतामढ़ी में मां जानकी के भव्य मंदिर के वादे को भाजपा ने प्रमुख चुनावी मुद्दा बना लिया. चैत्र नवरात्र में तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी का हेलीकॉप्टर में मछली खाने का वीडियो वायरल होने पर एनडीए ने इसे सनातन धर्म से जोड़कर बड़ा मुद्दा बना दिया. चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले बिहार की राजनीति में 'खटाखट', 'फटाफट', 'सफाचट' और 'धकाधक' जैसे शब्दों ने मतदाताओं का ध्यान खींचा. पांचवें चरण के मतदान के तुरंत बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन शब्दों का चुनावी मैदान में उपयोग किया. इसके बाद, बिहार में मुख्य विपक्षी दल ने अपने विरोधियों पर हमले के लिए इन शब्दों को हथियार की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
तेजस्वी यादव ने मंच से 'टनाटन, टनाटन' कहकर कसा तंज
वहीं मंच से तेजस्वी यादव अपनी सभाओं में कहते रहे - 'मिजाज रखिये टनाटन, टनाटन, टनाटन, मतदान के दिन वोट डालिए खटाखट, खटाखट, खटाखट, चार जून के बाद भाजपा हो जाएगी सफाचट, सफाचट, सफाचट. नौकरी मिलेगी फटाफट, फटाफट, फटाफट. दीदी के खाते में एक लाख जाएंगे सटासट, सटासट, सटासट.' वैसे, इस बयान को लेकर राजद के विरोधी भी चुप नहीं रहे. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव को उसी अंदाज में जवाब देते कहा, ''चार जून को इनके आंसू गिरेंगे धकाधक, धकाधक, धकाधक. ईवीएम पर आरोप लगेगा फटाफट, फटाफट, फटाफट. कइयों को आएगी मिर्गी चटाचट, चटाचट, चटाचट.''
बहरहाल, दोनों गठबंधनों के नेता इस चुनाव में अपनी सुविधा के अनुसार मुद्दे उठाते रहें और उन्हें लेकर जनता के बीच भी पहुंचे, लेकिन मतदाताओं को ये मुद्दे कितने पसंद आए और किस पार्टी के नेता पर लोगों ने भरोसा जताया ये तो 4 जून को ही पता चलेगा जब वोटों की गिनती होगी.
HIGHLIGHTS
- अंतिम चरण तक सुर्खियों में बना रहा 'खटाखट, फटाफट, चटाचट'
- 1 जून को है आखिरी चरण का मतदान
- क्या 4 जून को बदलेगी सियासत
Source : News State Bihar Jharkhand