logo-image

बिहार : उपचुनाव के लिए सीट बंटवारे पर महागठबंधन में असहमति

मगर विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है.

Updated on: 12 Sep 2019, 04:26 PM

नई दिल्ली:

बिहार में लोकसभा की एक और विधानसभा की पांच सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव को अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले 'सेमीफाइनल' के तौर पर देखा जा रहा है. मगर विपक्षी दलों के महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस जहां तीन सीटों पर दावा ठोंक रही है, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) चार सीटों पर और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) एक सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.

लोकसभा चुनाव के बाद रिक्त हुई विधानसभा की पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर हालांकि अभी घोषणा नहीं की गई है. मगर महागठबंधन की सभी पार्टियों ने चुनाव को लेकर कमर कस ली है. सीटों की दावेदारी को लेकर कांग्रेस, राजद और हम आमने-सामने आ गए हैं. जबकि महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) और विकासशील इंसान पार्टी ने तो अभी तक अपने पत्ते ही नहीं खोले हैं.

यह भी पढ़ें- सुशील मोदी को PM के चेहरे पर नहीं है विश्वास- तेजस्वी यादव

लोकसभा चुनाव में कुछ विधायकों के सांसद बनने के बाद विधानसभा की पांच सीटें रिक्त हो गई थीं. इनमें किशनगंज, बेलहर, सिमरी बख्तियारपुर, नाथनगर और दरौंधा सीट शामिल हैं, जबकि समस्तीपुर के सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है.

कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने को लेकर गंभीर है. उन्होंने पांच विधानसभा सीटों में से सिमरी बख्तियारपुर, नाथनगर और किशनगंज पर अपना दावा किया है. साथ ही समस्तीपुर की लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस ने दावा किया है. सिंह ने कहा कि साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में जद (यू) महागठबंधन में था, मगर अब नहीं है. ऐसे में इन तीन सीटों पर कांग्रेस का दावा बनता है. इन पांच सीटों में से चार पर जद (यू) का कब्जा था.

राजद चार सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. राजद ने अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस को आंख दिखाते हुए कहा है कि सभी पार्टियों को अपनी सीमा में रहना चाहिए. राजद के विधायक विजय प्रकाश ने बिहार में राजद को बड़ी पार्टी बताते हुए बड़ी दावेदारी की बात कही है. उन्होंने कहा कि बिहार के नेताओं के दावों का कोई मतलब नहीं है और सब कुछ दिल्ली में कांग्रेस के बड़े नेता तय करेंगे.

इधर, कांग्रेस के नेता लोकसभा चुनाव में एक सीट पर जीत दर्ज करने के बाद खुद को राजद से बड़ा बता रहे हैं. राजद का कोई भी प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में जीत नहीं दर्ज कर सका था. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि राजद अब लालू प्रसाद वाली पार्टी नहीं रह गई है. राजद से कहीं आगे कांग्रेस है. फिर भी कांगेस पांच में से महज तीन सीट ही मांग रही है.

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी एक सीट की मांग की है. बहरहाल, बिहार में उपचुनाव को लेकर महागठबंधन में आई दरार जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगी है. कांग्रेस व राजद के बीच सीटों को लेकर इस तनातनी के मद्देनजर आगामी विधानसभा चुनाव में मतभेद तय माना जा रहा है.