JDU Politics: बढ़ते सियासत के बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने हाल ही में अपने सभी प्रकोष्ठों को भंग करने के बाद अब नए सिरे से संगठन का पुनर्गठन कर दिया है. आज, 12 सितंबर को जेडीयू ने कुल 13 प्रकोष्ठों के अध्यक्ष और प्रभारी की नियुक्ति की घोषणा की है. इसके साथ ही दो प्रमंडल प्रभारियों और बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर नए प्रभारियों की नियुक्ति भी की गई है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इन नियुक्तियों को लेकर आधिकारिक पत्र जारी किया है, जिसमें संगठन के नए चेहरे और बदलावों की जानकारी दी गई है.
जेडीयू के प्रमुख नियुक्तियां
आपको बता दें कि जेडीयू ने संगठन के विभिन्न प्रकोष्ठों में महत्वपूर्ण नियुक्तियां की हैं. पूर्व सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को अति पिछड़ा प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इसी तरह, भारती मेहता को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि पूर्व मंत्री डॉ. रंजू गीता महिला मोर्चा की प्रभारी होंगी. वहीं अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में भी नए चेहरे सामने आए हैं, जिसमें अशरफ अंसारी को प्रदेश अध्यक्ष और मेजर इकबाल हैदर को प्रभारी नियुक्त किया गया है. मनीष कुमार को युवा प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि वशिष्ठ सिंह को इसका प्रभारी नियुक्त किया गया है. राधेश्याम को छात्र जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष और विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव को छात्र प्रकोष्ठ का प्रदेश प्रभारी बनाया गया है.
संगठन में फेरबदल और सीएम नीतीश कुमार की भूमिका
इसके साथ ही आपको बता दें कि जेडीयू संगठन में पिछले कुछ समय से बड़े पैमाने पर फेरबदल किए जा रहे हैं और इसमें खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सक्रिय भूमिका मानी जा रही है. हाल ही में पार्टी ने बिहार स्तर की सभी कमेटियों को भंग कर दिया था, जिससे राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई थी. हालांकि, कुछ ही घंटों के भीतर नए सिरे से संगठन का गठन कर दिया गया. वहीं नए संगठन में उमेश सिंह कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बनाए रखा गया है, जबकि जेडीयू की नई टीम में 10 उपाध्यक्ष, 49 महासचिव, 46 सचिव, 9 प्रवक्ता और एक कोषाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है. यह साफ है कि पार्टी संगठन को मजबूत करने और आगामी चुनावों की तैयारी के लिए सीएम नीतीश कुमार खुद पूरी तरह सक्रिय हैं.
संगठन में नई ऊर्जा का संचार
इसके अलावा आपको बता दें कि इन बदलावों से जेडीयू ने संगठन में नई ऊर्जा का संचार करने की कोशिश की है. नए अध्यक्षों और प्रभारियों की नियुक्ति के साथ पार्टी ने विभिन्न समुदायों और वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर जमीनी स्तर पर अपने संगठन को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया है.
बहरहाल, अब बढ़ते सियासत के बीच ये देखना दिलचस्प होगा कि जेडीयू के ये संगठनात्मक बदलाव आगामी चुनावों और राजनीतिक चुनौतियों का सामना कैसे करेंगे. नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी संगठन को पुनर्गठित करने के ये कदम निश्चित रूप से जेडीयू को राज्य की राजनीति में नई दिशा देंगे.