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बिहार में लागू ‘प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना’ देश के लिए बनी नजीर

बिहार में बिजली चोरी एक नासूर बन चुकी थी. शहर हो या गांव टोका फंसाकर और मीटर में छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करना आम प्रचलन में था. इससे सरकार को राजस्व की जबरदस्त हानि हो रही थी. 

Updated on: 28 Feb 2024, 12:36 PM

पटना:

वर्ष 2005 से पहले बिहार को लालटेन युग से जाना जाता था. यहां पर बिजली की खास्ता हालत थी. गांव की बात छोड़िए, शहर में 24 घंटे लोग बिजली के लिए तरसते थे लेकिन वर्ष 2005 में नीतीश कुमार के सत्ता संभालने के बाद धीरे-धीरे ही सही बिहार में बिजली की स्थिति में सुधार देखने को मिलने लगा. पहले सरकार ने शहरों में 24 घंटे बिजली देने के लक्ष्य को पूरा किया और फिर सुदूर गांवों में भी बिजली के तार और ट्रांसफॉर्मर लगाए गए लेकिन बिहार में बिजली चोरी एक नासूर बन चुकी थी. शहर हो या गांव टोका फंसाकर और मीटर में छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करना आम प्रचलन में था. इससे सरकार को राजस्व की जबरदस्त हानि हो रही थी. 

टोका फंसाने की पर्था पर लगी रोक

सरकार ने बिजली चोरी रोकने लिए छापेमारी दस्ते का गठन किया. छापेमारी होने लगी, फाइन भी होता था लेकिन कुछ दिनों बाद फिर वही कहानी शुरू हो जाती. ऊर्जा विभाग लोगों के टोका फंसाकर और मीटर में छेड़छाड़ कर बिजली चोरी से परेशान हो चुकी थी लिहाजा इस लाइलाज बीमारी को जड़ से ठीक करने के लिए सरकार के द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना लाई गई. इससे टोका फंसाकर और मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी करनेवाले लोगों पर शिकंजा कसा गया. इससे सरकार को राजस्व में हो रही हानि पर भी अंकुश लगा. साथ ही लोगों को कई फायदे भी हुए. 

टोका की जगह प्रीपेड मीटर ने ली जगह

बिजली चोरी रोकने, बिल भुगतान, मीटर रीडिंग और अन्य तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए बिहार के सभी घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू किया गया है. बिहार दुनिया का इकलौता राज्य है जहां गांव-गांव में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. बिजली बिल में गड़बड़ी और बिल जमा करने की समस्या से लोगों को छुटकारा मिला. लोगों को अपनी खपत के मुताबिक मीटर रिचार्ज करने की सुविधा मिली. अपने सुविधानुसार मीटर बंद और चालू करने की सहूलियत से लोगों को काफी फायदा हुआ. सबसे बड़ी बात कि लोग अब अपने मोबाइल के जरिए ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर को हैंडल कर पाते हैं.  

प्रीपेड स्मार्ट वाला देश का पहला राज्य बिहार
                       
बिहार देश का पहला और एकमात्र राज्य है जिसने अपने यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत की. हालांकि शुरू में इसको लेकर काफी विरोध हुआ, बिल में गड़बड़ी की शिकायत की गई लेकिन जब इसके फायदे सामने आने लगे तो आज देश के अन्य राज्य भी इस योजना को अपनाने पर विचार कर रहे हैं. वर्ष 2019 में स्मार्ट प्री-पेड बिजली मीटर के कई लाभों को देखते हुए सभी बिजली उपभोक्ताओं के मौजूदा मीटर को स्मार्ट प्री-पेड मीटर से बदलने की योजना बनाई गई. फरवरी 2021 में ई0ई0एस0एल0 ने अपने स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम के हिस्से के रूप में बिहार में 2.34 मिलियन स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए.

प्रीपेड मीटर की सभी ने की सराहना

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की स्थाई समिति की पटना में 13वीं बैठक में बिहार के स्मार्ट प्रीपेड मीटर की सराहना की गई है. बिहार सरकार की ओर से गुड प्रैक्टिस के रूप में स्मार्ट प्रीपेड मीटर संबंधी प्रस्तुतीकरण दिया गया जिसमें सदस्य राज्यों ने बिहार के इस प्रैक्टिस को पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के लिए चयनित भी कर लिया. अब इस प्रैक्टिस को परिषद की अगली बैठक में अन्य राज्यों द्वारा लागू करने पर विचार किया जाएगा.

तीन बार के बाद काट दी जाएगी बिजली?

हाल ही में बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिहार में लगनेवाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए नया कानून बनाने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी ली है. बिजली कंपनी की ओर से बिहार विद्युत विनियामक आयोग से कहा गया है कि बिहार में स्मार्ट मीटर रेगुलेशन बनाने के लिए आयोग को ही रेगुलेशन का ड्राफ्ट जारी करना होगा. ड्राफ्ट जारी होने के बाद इसपर जनता की राय ली जाएगी. कंपनी भी अपनी ओर से अपना पक्ष रखेगी. कंपनी ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर को और कारगर बनाने हेतु आयोग के समक्ष कुछ और प्रस्ताव भी पेश किए हैं, मसलन उपभोक्ता मोबाइल पर तीन बार मैसेज आने के बावजूद मीटर रिचार्ज नहीं कराता है तो बिजली काट दी जाएगी. इसके बाद यदि उपभोक्ता दुबारा कनेक्शन लेता है तो उससे कितना चार्ज लिया जाए ? 

20 लाख से ज्यादा प्रीपेड मीटर लगा
                                               
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बीएसपीएचसीएल) ने देश में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. कंपनी ने अबतक 20 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का आंकड़ा पार कर लिया है जो देश में कुल लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर का 80 प्रतिशत से भी अधिक है.बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है. वर्ष 2018 में नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) से करार किया और इसके बाद वर्ष 2019 में मंत्रिमंडल की बैठक में स्मार्ट प्रीपेड मीटर राज्य में लगाने का निर्णय लिया गया. 

2024 में रखा गया है लक्ष्य

इसके साथ ही पावर होल्डिंग कंपनी ने वर्ष 2024 तक पूरे बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह बिजली कंपनी की अबतक की सबसे बड़ी योजना है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के शेष 112 लाख उपभोक्ताओ के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए राज्य योजना अंतर्गत 12509.74 करोड़ रुपये की लागत की योजना का कार्यारंभ किया है.                    

केंद्रीय मंत्री ने रखा है प्रस्ताव

बिहार में हुए बिजली सुधार को कोई नकार नहीं सकता है. जदयू, राजद, भाजपा, कांग्रेस या कम्युनिस्ट पार्टियों के अलावे जो भी पार्टियां सत्ता में रही हों या विपक्ष में अपने चुनावी भाषण में बिजली सुधार का फायदा लेती रही हैं. इस बीच, बिहार में लागू स्मार्ट प्रीपेड मीटर को अब पूरे देश में लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है. केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश आम बजट में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को देशभर में लागू करने का प्रस्ताव दिया है. केंद्र की इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काफी प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है. प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की बिहार की योजना अब पूरे देश में लागू होगी.

रिपोर्ट- विकास कुमार ओझा