VIDEO: 'दहेज एक बंदिश है, बंधन नहीं' एक मजबूत संदेश देता यह वीडियों, देखें यहां

बाल विवाह के बाद बिहार सरकार ने बिहार को अंदर से खोखला करने वाले दहेज़ के खिलाफ भी जंग छेड़ दी है। यूनिसेफ ने अभी हाल ही में अपने पेज पर बिहार में दहेज़ के खिलाफ वाला वीडियो शेयर किया है।

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
VIDEO:  'दहेज एक बंदिश है, बंधन नहीं' एक मजबूत संदेश देता यह वीडियों, देखें यहां

दहेज एक बंदिश है, बंधन नहीं

पहले बाल विवाह के खिलाफ मुहिम और उसके बाद दहेज़ को रोकने लिए अभियान बिहार सरकार के यह दोनों कदम वाकई काफी सराहनीय है। अभी हाल ही में बिहार सरकार ने बाल विवाह को रोकने के लिए बाल विवाह विरोधी अभियान चलाया था और परिणाम स्वरुप उसके कई दूल्हे जेल के अंदर पहुंच चुके है।

Advertisment

बाल विवाह के बाद बिहार सरकार ने बिहार को अंदर से खोखला करने वाले दहेज़ के खिलाफ भी जंग छेड़ दी है। यूनिसेफ इंडिया ने अभी हाल ही में अपने पेज पर बिहार में दहेज़ के खिलाफ वाला वीडियो शेयर किया है। जिसके साथ उन्होंने लिखा है, 'दहेज एक बंदिश है, बंधन नहीं'। ये वीडियो एक मजबूत संदेश दे रहा है।

जैसा की इस वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे लड़की वाले के घर लड़के का तिलक किया जाता है और शादी की तारीख तय होने के बाद लड़के का बाप लड़की के पिता से पूछते है कि कर लेंगे न तब तक सारा इंतज़ाम ? इसके जवाब में लड़की के पिता हां बोलते है आप चिंता मत कीजिये। तब लड़के का पिता कहता है कि पर दूल्हे राजा की इज्जत कैसे कर रहे है ? उसके बाद लड़की का भाई उनके सामने खोटा सिक्के(जो सिक्के अब बंद हो गए है) रख देते है। फिर लड़के वाले चौंकते हुए कहते है ये तो खोटा सिक्का है।

इसके जवाब में लड़की के पिता कहते है आपका बेटा भी तो खोटा सिक्का है जो शिक्षित होकर भी दहेज़ मांगता है और सवाल करते हैं कि अपने बलबूते कुछ करने की हिम्मत नहीं है क्या? इसके जवाबी में लड़का कहता है नहीं में नहीं हूँ खोटा सिक्का और अपने पिता से दहेज़ न लेने की बात हिम्मत से रख के अपने पिता के पैर को छूता है।

और पढ़ें: नीतीश ने की दहेज वाली शादियों का बहिष्कार करने की अपील

इस वीडियो को यहां समझाने का अर्थ यह था कि जिस दिन उस लड़की के पिता की तरह हर लड़की के पिता ने दहेज़ देने से मना कर दिया तो फिर समाज से जल्द ही दहेज़ नाम की कुरीति खत्म हो जायेगी। वहीं उस लड़के के तरह हर लड़के ने अपने परिवार को दहेज़ मांगने से रोक लिया तो हर फिर घर में बेटी के जन्म पर खुशियां मनाई जायेगी क्योंकि फिर बेटी बोझ नहीं बल्कि घर की रौनक होगी।

आपको बता दे कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि विभिन्न राज्यों से साल 2014 में दहेज हत्या के 8,455 मामले सामने आए है। केंद्र सरकार की ओर से जुलाई 2015 में जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते तीन सालों में देश में दहेज संबंधी कारणों से मौत का आंकड़ा 24,771 था। जिनमें बिहार में 3,830 मौत का आंकड़ा सामने आया था।

और पढ़ें: बेटी बचाओ: बिहार में बाल विवाह के खिलाफ एकजुट हुए लोग, कई दूल्हे पहुंचे जेल

Source : News Nation Bureau

NCRB unicef india Dowry Bihar Anti Dowry Practice Campaign
      
Advertisment