नीतीश सरकार (Nitish Government) का दावा है कि अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को सरकार हरसंभव मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहा है. बिहार के 13 लाख से अधिक मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हैं. इन सभी को बिहार सरकार एक-एक हजार रुपये उनके बैंक खाते में भेज रही है. सरकार का दावा है कि अब तक विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के 6. 67 लाख लोगों के खाते में एक-एक हजार रुपये भेजे जा चुके हैं.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने गुरुवार को कहा कि लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में रुके बिहारियों को आर्थिक मदद देने वाला बिहार देश का पहला राज्य है. अंडमान, सिक्किम से लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात तक में रुके 6. 67 लाख प्रवासी बिहारियों के खाते में आपदा राहत कोष से 1-1 हजार रुपये भेजा जा चुका है.
बिहार से बाहर गए लोगों को भेजी जा रही है राशि
उन्होंने कहा कि सबसे अधिक दिल्ली में 1.30 लाख, हरियाणा में 95,999, महाराष्ट्र में 72,243, गुजरात में 61,944, पंजाब में 37,771, राजस्थान में 26,849, तमिलनाडु में 26,312, पश्चिम बंगाल में 25,181 व अंडमान निकोबार में 265 प्रवासी बिहारियों के खाते में राशि भेजी गई है.
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वित्तमंत्री ने बताया कि ऐसे 13.26 लाख के भेजे गए आवेदनों में से बाकी बचे 6. 59 लाख बिहारी प्रवासियों को भी जल्द ही राशि भेजी जाएगी.
60 हजार से ज्यादा लोगों ने फोन कर बिहार सरकार से मदद मांगी
भाजपा नेता ने बताया, 'इसके अलावा 60 हजार से ज्यादा लोगों ने फोन कर बिहार सरकार से मदद मांगी है, ऐसे सभी लोगों से दोबारा संपर्क कर उन्हें एसएमएस भेजकर उनके बिहार स्थित बैंक खाता व आधार संख्या मांगी जा रही है. अन्य किसी को भी मदद की जरूरत है तो वे लिंक डाउनलोड कर आवेदन करें, बिहार सरकार यथासंभव मदद के लिए तत्पर है.'
सारी कठिनाइयों के बावजूद वहीं धैर्य के साथ रुके रहें लोग
उपमुख्यमंत्री मोदी ने दूसरे राज्यों में रुके बिहारियों से अपील की है, 'वे जहां हैं, सारी कठिनाइयों के बावजूद वहीं धैर्य के साथ रुके रहें. दूसरे राज्यों की स्थानीय सरकारों से समन्वय बनाकर बिहार सरकार हर संभव मदद की यथासंभव कोशिश में जुटी हुई है.'
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बिहार में रह रहे उनके परिवार वालों से भी मोदी ने अपील की है कि वे अपने परिजनों को मोबाइल से संपर्क कर लॉकडाउन के दौरान घर आने की जगह जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहने के लिए मानसिक तौर पर प्रेरित करें.
बहकावे व फेक न्यूज के झांसें में नहीं आएं
उन्होंने लोगों से कहा कि किसी के बहकावे व फेक न्यूज के झांसें में नहीं आएं. लॉकडाउन के दौरान किसी भी तरह से यातायात की व्यवस्था संभव नहीं है. लॉकडाउन खत्म होने के बाद केंद्र व राज्य सरकार स्वत: रेल व बस सेवाएं शुरू करने के साथ उनकी आवाजाही की सुविधा सुनिश्चित करेगी.