कोरोना काल के दौरान बिहार (Bihar) में मचे सियासी घमासान के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों को उनके गृह राज्य में जाने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दे दी है. कोरोना संक्रमण के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के छात्रों, मजदूरों की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया. बाहर फंसे छात्र और मजदूर अब अपने गांव, घर लौट सकेंगे. मगर इन मजदूरों और छात्रों को वापस लाने के लिए बिहार की नीतीश सरकार (Nitish government) ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं.
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बिहार के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी का कहा है कि लाखों मजदूरों को लाने के लिए सरकार के पास संसाधन और बसें नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'देखिए रेल चलाने की अनुमति तो दी नहीं है भारत सरकार ने. इसलिए बसों से ही लोग आएंगे. हमारे पास कहां इतनी बसें हैं कि इतने राज्यों में लोग फंसे हैं, जिन्हें लाया जा सके.'
बिहार सरकार ने बात अब दूसरे राज्यों पर टाल दी है. सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग जहां से आएंगे, वहां की राज्य सरकारें उसकी व्यवस्था करेंगी. फिर राज्य सरकारों के बीच सहमति बनेगी. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों से लोग आने वाले हैं, उन्हीं राज्यों के लोग व्यवस्था करेंगे. चूंकि वहां के लोग भी चाहते हैं कि लोग अपने घर वापस चले जाएं.
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उधर, बिहार सरकार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार ने News State से बातचीत में कहा है कि केंद्र की हरी झंडी के बाद भी लोगों को लाना चुनौती हैं. उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय बैठकों का दौर जारी है. दूसरे राज्यों से समन्वय बैठाने की कोशिश हो रही है.
बता दें कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को ट्वीट करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया था. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे बिहारी छात्रों और मजदूरों को वापस आने की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद. उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहूंगा. उन्होंने बिहार की मांग को स्वीकार कर अन्य राज्यों में फंसे छात्रों, मजदूरों के आने का मार्ग प्रशस्त कर दिया.'
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उल्लेखनीय है कि बिहार में विपक्ष इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा था, जिससे नीतीश सरकार बैकफुट पर है. लेकिन एक बार फिर मजदूरों और छात्रों को लाने में अपने हाथ पीछे खींच रही बिहार सरकार ने विपक्ष को हमला करने का मौका दे दिया है और भी ऐसे वक्त में जब राज्य में आने वाले वक्त में चुनाव होने वाले हैं.
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