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Bihar: बिहार सरकार की नई पहल, शराब की बोतलों से बनेंगी चूड़ियां

नशा मुक्ति दिवस के मौके पर नीतीश कुमार ने शराब की जब्त की गयी बोतलों के अवशेषों से चूड़ी निर्माण के लिए जीविका चूड़ी निर्माण केंद्र का उद्घाटन किया.

Updated on: 26 Nov 2022, 02:19 PM

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. बिहार सरकार की नई पहल

. शराब की बोतलों से बनेंगी चूड़ियां

 

Patna:

26 नवंबर को पूरी दुनिया में नशा मुक्ति दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर पूर्ण रूप से शराबबंदी राज्य में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार की जनता से खास अपील करते हुए एक ऑडियो संदेश भी लोगों के लिए जारी किया और उनसे नशे से दूरी बनाए रखने का आग्रह किया. नशा मुक्ति दिवस के मौके पर शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब की जब्त की गयी बोतलों के अवशेषों से चूड़ी निर्माण के लिए जीविका चूड़ी निर्माण केंद्र का उद्घाटन किया. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग तथा ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में जीविका चूड़ी निर्माण केंद्र की स्थापना पटना जिला के सबलपुर गांव में की गयी है. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा लगभग 1 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता की गयी है.

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जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि कांच की चूड़ियों के लिए विश्व विख्यात फिरोजाबाद के तकनीकी विशेषज्ञों की देख-रेख में अत्यधुनिक औद्योगिक मापदंडों के आधार पर इस चूड़ी निर्माण कारखाने की स्थापना की गयी हैं. फिलहाल, इस कारखाने में लगभग 150 जीविका दीदियां व उनके परिवार के सदस्यों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है. इनका प्रशिक्षण फिरोजाबाद के विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि अबतक इस कारखाने के लगभग 10 कारीगरों को प्रशिक्षण दिलवाया जा चुका है. इस कारखाने में 2 टन की क्षमता वाली गैस से चलनेवाली भट्ठी का निर्माण किया गया है, जो पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ कारखाने में काम करनेवाले कारीगरों की सुरक्षा में लिया गया एक अहम कदम है. इस कारखाने में प्रतिदिन लगभग 80 हजार चूड़ियों के निर्माण की क्षमता है.

कुमार का मानना है कि इन चूड़ियों को जीविका द्वारा संचालित ग्रामीण बाजार, सरस मेला व क्षेत्रीय बाजारों-हाटों के साथ-साथ सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़ी दीदियों की दुकानों से बेचने की योजना है. राज्य में चूड़ी के व्यवसाय से जुड़े थोक व खुदरा व्यवसायियों से भी सम्पर्क साध कर चूड़ियों की बिक्री की जा सकेगी. जीविका इन चूड़ियों को अपने व्यावसायिक ई-पोर्टल के माध्यम से भी बेचने की योजना बना रही है.