बिहार सरकार (Bihar government) ने बंद पड़ी छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों को फिर से चालू करने की कवायद शुरू कर दी है. सरकार बंद पड़ी इकाइयों को चलाने की अनुमति देने से पहले संचालकों से प्रस्ताव मांगेगी. बंद पड़ी इकाइयां कब से चालू हो जाएंगी, इसका संकेत हालांकि मंत्री के बयान से भी नहीं मिल पाया. उद्योग मंत्री श्याम रजक ने कहा कि सरकार बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों को फिर से चालू करने में जुटी है. इनमें कई छोटी इकाइयां भी हैं. इसके तहत खादी पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिसमें गमछा और मास्क (Mask) तैयार करने को कहा जाएगा.
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मंत्री ने कहा कि इन इकाइयों में काम करने वाले मजदूरों के स्वास्थ्य का जिम्मा लेते हुए उद्योग चलाने की अनुमति दी जाएगी. उद्योग मंत्री ने कहा, 'राज्य में बंद पड़े उद्योगों को चालू करने का भी निर्देश दिया गया है. छोटे और मध्यम श्रेणी के 25 हजार उद्योग हैं, जिनमें से करीब 22 हजार लॉकडाउन के कारण बंद पड़े हैं. सभी संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी इकाई को चालू करने के लिए राज्य सरकार के पास आवेदन दें, सरकार आवेदनों पर विचार करेगी.'
उन्होंने कहा कि इसे लेकर मंगलवार को अधिकारियों के साथ एक बैठक भी हुई है. इससे पहले कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान बिहार सरकार ने राज्य में ईंट और सीमेंट उद्योग को शर्तो के साथ उत्पादन की अनुमति दे दी है. सरकार ने कहा है कि मजदूरों को राहत देते हुए सीमेंट और ईंट उद्योग को उत्पादन की अनुमति दी गई है, हालांकि इनकी बिक्री पर रोक जारी रहेगी.
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बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देश के बाद कुछ शर्तो के साथ बिहार में कार्यरत 5,500 से ज्यादा ईंट-भट्ठों व सीमेंट उद्योग को उत्पादन की अनुमति दी गई है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान उत्पादित ईंट और सीमेंट की बिक्री पर पहले की तरह रोक लगी रहेगी.
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