बिहार सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में बुनकरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ उनकी उत्पादन लागत कम करने के लिए कई अहम योजनाओं को मंजूरी दी है. इनमें बिजली सब्सिडी, कार्यशील पूंजी सहायता, छात्रवृत्ति, क्लस्टर विकास और हथकरघा विपणन सहायता जैसी योजनाओं को जोड़ा गया है.
बिजली सब्सिडी से बुनकरों को मिली राहत
बिहार राज्य (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड, पटना के जरिए पावरलूम बुनकरों को उनकी परिचालन लागत कम करने को लेकर 795 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है. यह अनुदान बुनकरों को सस्ती बिजली तय करने में सहायक होगा.
यूआईडी उत्कीर्णन योजना में तेजी
राज्य में 29 हजार 53 पावरलूम में 23,007 पावरलूम को यूआईडी उत्कीर्णन योजना में शामिल किया गया है. इससे बुनकरों को औद्योगिक पहचान और सरकारी लाभ होगा.
कार्यशील पूंजी सहायता से बुनकरों को मिलेगा लाभ
बिहार सरकार ने 2,833 बुनकरों को 15 हजार रुपये प्रति बुनकर की दर से कुल 425 लाख रुपये की कार्यशील पूंजी सहायता प्रदान की है. इससे बुनकरों को कच्चा माल खरीदने में आर्थिक सहायता मिलेगी.
बुनकर सब्सिडी योजना
राज्य सरकार ब्लॉक-स्तरीय क्लस्टर (बीएलसी) और सीडीपी में बुनकरों की ओर से आपूर्तिकर्ताओं को 10% का योगदान देती है. वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने इस योजना के तहत आपूर्तिकर्ताओं को 52.01 लाख रुपये का भुगतान किया है.
छात्रवृत्ति योजना
भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएचटी), फुलिया, पश्चिम बंगाल में पढ़ने वाले छात्रों की छात्रवृत्ति लागत का 50% राज्य सरकार वहन कर रही है. इस वर्ष 15 छात्रों के नामांकन के लिए सरकार ने 1.33 लाख रुपये का भुगतान किया है.
हथकरघा विपणन सहायता स्कीम
वित्त वर्ष 2024-25 में पटना और गया में दो हथकरघा प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए वस्त्र मंत्रालय ने 58.504 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं. ये प्रदर्शनियां हथकरघा और रेशम उत्पादन निदेशालय फरवरी और मार्च में आयोजित की गईं.