बिहार के सरकारी बाबू बनेंगे 'रोल मॉडल', चाहते हैं सभी उन्हें करें कॉपी, जानिए ऐसा क्या करेंगे

आदर्श स्थापित करते हुए लोगों को किसी काम के लिए प्रेरित करना काम की सफलता का एक आसान रास्ता माना जाता है, और अब यही तरीका बिहार के सरकारी बाबू एक जरूरी काम को अंजाम देने के लिए करते नजर आएंगे.

author-image
Harsh Agrawal
एडिट
New Update
bihar

बिहार के सरकारी बाबू बनेंगे 'रोल मॉडल'( Photo Credit : फाइल फोटो)

आदर्श स्थापित करते हुए लोगों को किसी काम के लिए प्रेरित करना काम की सफलता का एक आसान रास्ता माना जाता है, और अब यही तरीका बिहार के सरकारी बाबू एक जरूरी काम को अंजाम देने के लिए करते नजर आएंगे. शुरुआत मुख्य सचिव आमिर सुबहानी अपने कार्यालय से करेंगे, और सरकार के सभी विभाग इसका पालन करते हुए लोगों से भी अपील करेंगे कि वो उन चीजों से दूरी बनाकर रखें जो उनके लिए पर्यावरण के लिए खतरनाक है. 

Advertisment

लेकिन जीवन का जरूरी हिस्सा बन चुका है और वो कुछ और नहीं प्लास्टिक है. हाल ही में सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय जारी किया है, लेकिन पहले के ऐसे प्रयासों के पूरी तरह सकारात्मक परिणाम नहीं आने के कारण अब कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ जागरुकता अभियान का सहारा भी लिया जाएगा.

दरअसल राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों, बैठकों और आयोजनों में प्लास्टिक की बोतल और प्लास्टिक से बने फोल्डर का उपयोग नहीं किए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही विमोचन समारोह में किताब या रिपोर्ट को प्लास्टिक से बांधने की परंपरा भी खत्म होगी. राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाई रोक को प्रभावी बनाने के लिए मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद इससे संबंधित निर्देश जारी किया गया है. 

सभी सरकारी कार्यालयों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के लिए मॉडल के रूप में आगे आने को कहा गया है, जिससे समाज में सकारात्मक संदेश जाए और लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने को लेकर प्रेरित हों. सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगी रोक प्रभावी हो इसके लिए कागज, कपड़ा, पत्तल से बनी वैकल्पिक सामग्रियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का भी निर्णय बैठक में
लिया गया. 

इसके लिए शहरी निकायों में विकल्प वाले उद्योगों की इकाइयां स्थापित करने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहन देने को कहा गया है. साथ ही स्वयंसेवी संस्था और महिला स्वयं सहायता समूह (जीविका) के स्तर पर स्टील कटलरी बैंक की स्थापना करने का निर्णय भी हुआ. इसको लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग के स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया जाना है. बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी औद्योगिक प्रांगणों में पांच प्रतिशत भूमि पुन:चक्रण, प्रसंस्करण और अंतिम निपटान करने वाली इकाइयों के लिए आरक्षित की जाएगी. 

मुख्य सचिव की बैठक के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग ने सभी नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारियों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक की निगरानी से जुड़ा निर्देश जारी किया है. अब तक हो चुके नुकसान को ठीक करने का भी प्रयास होगा, इसके लिए सभी नगर निकायों में निश्चित अंतराल पर नदियों एवं तालाबों में जमा प्लास्टिक कचरे की सफाई सुनिश्चित करने को कहा गया है. 

इसके साथ ही नगर निकायों को अपने शहरों में नाली के मुहाने पर जाली लगाने को कहा गया है, ताकि प्लास्टिक को नदियों और तालाबों में जाने से रोका जा सके. वैसे तो ऐसी कोशिशें पहले भी हो की गई पर प्लास्टिक से पीछा छुड़ाना कोई आसान काम नहीं, सिर्फ कानून के डर से ऐसा संभव नहीं. समाज को सजग, सतर्क और संवेदनशील बनाना होगा. ऐसा तभी संभव होगा जब बड़े अधिकारी, नेता और सामाजिक रूप से सक्रिय लोग सामाजिक जीवन में प्लास्टिक से दूरी बनाकर उदाहरण स्थापित करे. 

Source : Naresh Kumar Bisen

Latest Bihar News Bihar Sarkari babu hindi news single use plastic Bihar News
      
Advertisment