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कानून मंत्री से पूर्व मंत्री बने कार्तिक कुमार की बढ़ी मुश्किलें, जमानत याचिका पर होगी सुनवाई

कार्तिक कुमार का विभाग बदल दिया गया है, कानून मंत्री से हटाकर उन्हें अब गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

Updated on: 01 Sep 2022, 03:24 PM

Patna:

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनते ही राजनीतिक हलचलें तेज हो गई है. मंत्री पद की शपथ लेने के बाद से कानून मंत्री कार्तिक कुमार विवादों में घिरे हुए हैं. कार्तिक कुमार का विभाग बदल दिया गया है, कानून मंत्री से हटाकर उन्हें अब गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर राज्यपाल सचिवालय ने 30 अगस्त के एक आदेश के तहत कार्तिक कुमार को विधि विभाग के स्थान पर गन्ना उद्योग विभाग और शमीम अहमद को गन्ना उद्योग विभाग के स्थान पर विधि विभाग का प्रभार अगले आदेश तक सौंपा दिया है. दानापुर कोर्ट में पूर्व मंत्री कार्तिक कुमार उर्फ मास्टर साहब की अग्रिम जमानत की सुनवाई फिलहाल 4.30 बजे तक टाल दिया गया है.

दानापुर कोर्ट के अपर सत्र और जिला न्यायाधीश तृतीय के यहां सुनवाई की कार्रवाई चल रही थी, जिसमें कार्तिक कुमार के वकील जनार्दन राय ने पक्ष रखा था. कोर्ट ने कहा कि जब कोर्ट ने पहले रिजेक्ट किया था और एक बार पहले अग्रिम जमानत दे चुका है तो इसमें दुबारा अग्रिम जमानत की सुनवाई के लिए कानूनी प्रक्रिया को जानने के लिए 4.30 तक रोक लगाया गया है. फिलहाल कार्तिक के वकील जनार्दन राय ने कहा है कि कार्तिक घटना के दिन घटना स्थल से पटना तक नहीं थे. ऐसे में कानूनी तौर पर जो कार्रवाई हो, यहां जमानत नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में जमानत लिया जायेगा. फिलहाल 4.30 बजे तक का इंतजार है, जो कोर्ट ने दिया है. 

क्या है आरोप
कार्तिक कुमार पर कई थानों में मामले दर्ज हैं.  मोकामा, मोकामा रेल थाना, बिहटा में भी FIR दर्ज हैं. 
बता दें कि कारोबारी के अपहरण मामले में विपक्ष ने निशाना साधा था. कारोबारी राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी, कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया था. किडनैपिंग मामले में कार्तिक कुमार भी आरोपी पाए गए थे. बिहटा थाने में कार्तिक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज है. इसी मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया है,  मंत्री ने सभी आरोपों को खारिज किया था.