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बिहार में बाढ़ का पानी निकला, अब फैला बीमारियों का डर

बाढ़ प्रभावित इलाकों में नदियों का पानी कम होने तथा गांवों से पानी की निकासी के बाद लोग अब अपने घरों को लौटने लगे हैं, लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं.

Updated on: 31 Aug 2020, 01:42 PM

मुजफ्फरपुर:

बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों में नदियों का पानी कम होने तथा गांवों से पानी की निकासी के बाद लोग अब अपने घरों को लौटने लगे हैं, लेकिन उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. कई क्षेत्रों में अभी दुर्गंध आ रही है तो कई इलाकों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. इस बीच लोगों को अब कोरोना सहित अन्य बीमारियों का डर सताने लगा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का कहना है कि इन इलाकों में घरों के साथ शौचालय भी पानी में डूबे रहते हैं. लोग विभिन्न इलाकों में शरण लिए हुए रहते हैं और खुले में शौच करते हैं. बाढ़ उतरने के बाद बीमारी के फैलने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है.

मुजफ्फरपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता पंकज कुमार कहते हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ में खुले में शौच का पानी भूमिगत जल में मिल जाता है, जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. चिकित्सकों का भी मानना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियों की आशंका बनी रहती है. पटना के जाने माने चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ़ अमित कुमार कहते हैं कि बाढ़ के दौरान गंदे पानी में बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जिस कारण लोगों को कई प्रकार के त्वचा रोग हो जाते हैं. उन्होंने पानी को उबालकर पीने की सलाह दी है और कहा कि नीम में पत्ती डालकर उसे उबाल लें और फिर उस पानी से स्नान करें. उन्होंने कहा कि नारियल पानी या स्वच्छ पानी का उपयोग कर सकते हैं.

मुजफ्फरपुर के चिकित्सक डॉ आरोही कुमार कहते हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी उतरने के बाद बीमारियों की आशंका बनी रहती है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में सफाई व स्वच्छता के अभाव में डायरिया और विभिन्न संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है. इस समय स्वच्छ, उबला हुआ पानी पीकर बीमार होने से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि बाढ़ से उबरे क्षेत्रों में गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस, मलेरिया, टाइफाइड, डायरिया, नेत्र और चर्मरोग जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं.

इस बीच स्वास्थ्य विभाग भी बीमारी की आशंका को देखते हुए एहतियाती कदम उठा रहा है. बाढ़ प्रभावित मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मच्छरजनित बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए फॉगिंग शुरू करा दी गई है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में हेल्थ चेकअप शिविर लगाए जा रहे हैं तथा ओआरएस का वितरण किया जा रहा है. इधर, बाढ़ प्रभावित गोपालगंज जिला के स्वास्थ्य विभाग के योजना प्रबंधक धीरज कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में चूना, ब्लीचिंग पाउडर डाला जा रहा है तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लीचिंग पाउडर, बैमेक्सिन, चूना और जरूरी दवाएं स्टॉक की गई हैं.

उन्होंने कहा कि ओआरएस और जिंक का वितरण किया जा रहा है. साथ ही बाढ़ के दौरान सभी इलाकों में हेल्थ शिविर गए गए थे. उल्लेखनीय है कि बिहार के मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गोपालगंज, खगड़िया सहित 16 जिलों में नदियां उफान पर रहीं और 130 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हुए.