बिहार में बाढ़ से भीषण तबाही, अब तक 56 की मौत, 63 लाख लोग प्रभावित
बिहार के सीमांचल के 12 से ज्यादा जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की बाढ़ में मरने वालों की संख्या 56 पहुंच चुकी है।
highlights
- बिहार में बाढ़ से अब तक 56 लोगों की मौत, सेना, एनडीआरएफ की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी
- सुशील मोदी ने कहा, बाढ़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर बनाए हुए हैं
- बिहार के सीमांचल के 12 से ज्यादा जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर, नदियां उफान पर
नई दिल्ली:
बिहार के सीमांचल के 12 से ज्यादा जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की बाढ़ में मरने वालों की संख्या 56 पहुंच चुकी है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण के बाद कहा कि राज्य के खजाने पर पहला हक आपदा प्रभावित लोगों का है। उन्होंने कहा, 'आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता की जाएगी। राज्य में अचानक आई बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है।'
बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर बनाए हुए हैं। मोदी ने कहा, '22 एनडीआरए टीम और 16 एसडीआरएफ टीम राहत व बचाव कार्य चला रही है। खाने की सामग्री बांटी जा रही है।'
बिहार आपदा प्रबंधन के अतिरिक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने कहा, 'बिहार बाढ़ में 56 लोगों की मौत हुई है।' उन्होंने कहा, 'अररिया में 20, किशनगंज में 8, पूर्वी चंपारण में 3, पश्चिमी चंपारण में 9, दरभंगा में 3, मधुबनी में 5, सीतामढ़ी में 5, मधेपुरा में 4 और सिहोर में 1 की मौत हुई है।'
56 people have died in the #BiharFloods, says Additional Secretary of the Disaster Management Department of #Bihar, Anirudh Kumar.
— ANI (@ANI) August 15, 2017
आपको बता दें की बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है। इधर, राज्य की प्रमुख नदियां मंगलवार को भी विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के विभिन्न जिलों के करीब 65.40 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में अभी कोई कमी नहीं हुई है। मंगलवार को भी राज्य की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
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नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता अजय कुमार ने मंगलवार को को बताया कि सुबह आठ बजे वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर 2.15 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया था, जो 10 बजे 2.08 लाख क्यूसेक हो गया। वाल्मीकि नगर बैराज में गंडक का जलस्तर सुबह 10 बजे 2.06 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि कोसी में जलस्तर बढ़ने की आशंका है।
कुमार ने बताया कि बागमती नदी डूबाधार, सोनाखान, चंदौली, ढेंग और बेनीबाद में, जबकि कमला बलान नदी झंझारपुर और जानकीबियर क्षेत्र में खतरे के निशान को पार कर गई है। महानंदा नदी कटिहार के झाबा में खतरे के निशान से उपर बह रही है, जबकि ललबकिया नदी गोआबारी में लाल निशान के ऊपर है।
राज्य के अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी में स्थिति गंभीर है। किशनगंज और अररिया जिले की स्थिति सबसे बदतर बताई जा रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्यभर के 84 प्रखंडों के 65.37 लाख की आबादी बाढ़ प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 254 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जिसमें 45 हजार से ज्यादा बाढ़ पीड़ित शरण लिए हुए हैं।
विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को दावा किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्घस्तर पर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि बाढ़ का पानी नए इलाकों में भी फैल रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) की 22 और एसडीआरएफ की 15 टीमों के अतिरिक्त सेना के 300 जवान लगाए गए हैं।
इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित जिले के जिलाधिकारियों को ऊंचे स्थान का चयन कर सामुदायिक किचन चलाने का निर्देश दिया है। ऐसे में लोग यहां खाना खाकर सुरक्षित स्थान पर ठहर सकेंगे।
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