बिहार में बाढ़ का कहर जारी, 79 प्रखंडों की 26 लाख से अधिक आबादी प्रभावित
लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. गौरतलब है कि राज्य के कुल 12 जिलों के 79 प्रखंडों में स्थित 575 पंचायतों तक बाढ़ का असर है.
New Delhi:
बिहार के उत्तरी हिस्सों के करीब सभी जिलों में बाढ़ का कहर जारी है. वहीं, नेपाल से आने वाली नदियां बुधवार को भी उफान पर हैं, जिससे अब अन्य क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी चढ़ने लगा है. लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. गौरतलब है कि राज्य के कुल 12 जिलों के 79 प्रखंडों में स्थित 575 पंचायतों तक बाढ़ का असर है. बाढ़ से करीब 26 लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है. इस दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से 33 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं.
राज्य में शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुज्जफरपुर, सहरसा, कटिहार आर पूर्णिया जिले बाढ़ से प्रभावित हैं.कई इलाकों में तो बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि कुछ जिलों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न होना शुरू हो गया है.
यह भी पढ़ें- RSS को लेकर इस खबर से आ सकता है भूचाल, हिल जाएगी बिहार सरकार
इधर, नेपाल से आने वाली नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है.बिहार जल संसाधन विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि अधिकतर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, वहीं कमला बलान नदी जयनगर, झंझारपुर में तथा महानंदा ढेंगराघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
कोसी के जलस्तर में हालांकि बुधवार को कमी देखी गई.कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास बुधवार सुबह छह बजे 1.59 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे 1.47 लाख क्यूसेक हो गया. इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य जारी है.राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 26 टीमें लगाई गई हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 185 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 1.12 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं.इसके अलावा 812 सामुदायिक रसोइयां स्थापित की गई हैं.
इस बीच, मुज्जफरपुर जिले में बागमती नदी के उफान से कटरा व औराई में बाढ़ की स्थिति और भी नाजुक हो गई है.पूर्वी चंपारण के अन्य इलाकों में भी पानी तेजी से रिहायशी इलाकों की ओर बढ़ रहा है.
दरभंगा और मधुबनी में लोग सड़कों पर शरण लिए हुए हैं.इस बीच, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा और सहरसा में पानी का दबाव कम हुआ है, मगर कटिहार व अररिया के ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में भी प्रवेश कर गया है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Met Gala 2024: फ्लोरल साड़ी.. मिनिमल मेकअप.. हेयर एसेसरी, कुछ यूं अदाएं बिखेरती नजर आईं आलिया भट्ट
-
Tansen: जब वो गाते थे तो सुरों की बारिश होती थी, पत्थर पानी बन जाते थे..अकबर के नौ रत्नों में से एक थे तानसेन
-
Kareena Kapoor religion: करीना कपूर का धर्म बदलवाना चाहते थें सैफ अली खान? एक्टर ने कहा- इस्लाम धर्म में..
धर्म-कर्म
-
Badrinath Temple: खुलने वाले हैं श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट, जानें यात्रा से जुड़ी हर बात
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन रसोई की ये 5 चीज़ें खरीदने से घर में बनी रहती है बरकत
-
Vaishakh Amavasya 2024 Date: कब है वैशाख अमावस्या, 8 या 9 मई को? जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
-
Love Rashifal 7 May 2024: इन राशियों के लिए बेमिसाल रहेगा मंगलवार का दिन, पढ़ें लव राशिफल