logo-image

बिहार : कई नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर, 77 लाख लोग प्रभावित

बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

Updated on: 23 Jul 2019, 05:06 PM

New Delhi:

बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं. जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य चलाने का दावा कर रही है. जल संसाधान विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने मंगलवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास कमी आई है, लेकिन बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई तथा महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

जिन स्थानों पर बांध टूटने की खबर आई थी, उनको दुरुस्त करने का काम चल रहा है. मधुबनी में झंझारपुर के पास कमला बलान नदी के दाएं तटबंध को दुरुस्त किया जा रहा है, जबकि कटिहार के काशीबाड़ी में भी बांध मरम्मत का कार्य जारी है.

यह भी पढ़ें- दुकान के सामने अंडा खाने को लेकर हुए विवाद पर युवक को मारी गोली, पुलिस ने आरोपी के लिया हिरासत में

इस बीच, बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि अब तक 4.91 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में छह-छह हजार रुपये भेजे जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 295 करोड़ रुपये बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच बांटे गए हैं. उन्होंने कहा कि यह राशि फसल सहायता और भवन सहायता के अतिरिक्त दी जा रही है.

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया, "बिहार के 12 जिले- शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक बाढ़ से 104 लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं."

बाढ़ प्रभावित इन 12 जिलों में कुल 81 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां 76 हजार से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए 712 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है. विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में बाढ़ का पानी उतरा भी है.