बिहार : बाढ़ से शहर को बचाने के लिए बनाया गया स्लुइस गेट ही बना जलप्रलय का मुख्य कारण

पानी सीने तक भरा है, लोग पानी में झुंडों में जरूरी सामान के साथ अपने बच्चों को कंधे पर लेकर ऊंचे स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं.

पानी सीने तक भरा है, लोग पानी में झुंडों में जरूरी सामान के साथ अपने बच्चों को कंधे पर लेकर ऊंचे स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं.

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yogesh bhadauriya
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बिहार : बाढ़ से शहर को बचाने के लिए बनाया गया स्लुइस गेट ही बना जलप्रलय का मुख्य कारण

सुपौल में कोसी और तिलयुगा का तांडव जारी है.

सुपौल में कोसी और तिलयुगा का तांडव जारी है. वहीं, सुपौल के निर्मली में मुख्य बाजार में शहर के वार्ड 12 में जलभराव होने से लोग तबाह और परेशान हैं. पानी सीने तक भरा है, लोग पानी में झुंडों में जरूरी सामान के साथ अपने बच्चों को कंधे पर लेकर ऊंचे स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं. दरअसल निर्मली शहर के रेलवे स्टेशन के पास बायपास में बने बांध को प्रशासन द्वारा तुड़वाने के बाद मेन रोड सहित मुख्य बाजार का पानी वार्ड-12 में घुस गया है. इससे वार्ड नंबर 12 के घरों में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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वार्ड-12 में स्थित उच्च विद्यालय निर्मली के पास छाती भर पानी होकर जरूरत के सामान के साथ बच्चे को कंधे पर लेकर लोग बाहर निकलते दिखे. बता दें कि जल संसाधन विभाग के द्वारा निर्मली नगर के रिंग बांध पर तीन अलग-अलग जगह स्लुइस गेट का निर्माण करोड़ों की लागत से करवाया गया. लेकिन निर्मित तीनों स्लुइस गेट पंपसेट विहीन हैं. व स्लुइस गेट होकर उलटे शहर में पानी घुस गया.

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इससे शहर के लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है. लिहाजा जल संसाधन विभाग ने रेलवे स्टेशन के पास एक मोटर पंप सेट लगाया. जिससे शहर से 25 प्रतिशत पानी बाहर निकल सका है. जबकि मुख्य बाजार का शेष पानी रेलवे बायपास होकर वार्ड-12 के लोगों पर जल प्रलय के रूप में फैला गया है. लोगों के आवासीय परिसर के शौचालय, चूल्हा, चापाकल (हाथ से चलाने वाला नल) भी डूब गया है. इस कारण लोगों को खाने-पीने से लेकर रहने में भी परेशानी हो रही है.

Source : Rashmi Sinha

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