Bihar News: बिहार की वितरण कंपनियों की ओर से प्रभावी प्रबंधन एवं राजस्व संग्रहण के तहत एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई है. इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, हमारे राज्य की वितरण कंपनियों ने इस वर्ष 1574 करोड़ रुपये का राजस्व सरकारी राजकोष में जमा किया है, जो विद्युत कंपनियों का अब तक का सबसे बड़ा योगदान है. यह दर्शाता है कि हमारी बिजली कंपनियां सुचारू संचालन और कुशल वित्तीय प्रबंधन के साथ आगे बढ़ रही हैं.
सरकारी अनुदान की आवश्यकता खत्म
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विद्युत कंपनियों की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 में वाणिज्यकर के तहत विद्युत शुल्क के रूप में 1513 करोड़ रुपये जमा किए गए. इसके अतिरिक्त, जीएसटी मद में भी 61 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. यह संग्रहण दर उपभोक्ताओं की जागरूकता, प्रभावी बिलिंग प्रणाली और पारदर्शी प्रबंधन का परिणाम है. ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि इस वर्ष राज्य की वितरण कंपनियों की ओर से अपने बेहतर प्रबंधन एवं दक्षता वृद्धि के कारण वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में एटी एंड सी लॉस के मद में सरकारी अनुदान की आवश्यकता समाप्त हो चुकी है. इससे राज्य सरकार के वित्तीय संसाधनों पर पड़ने वाला भार भी कम हुआ है.
ऊर्जा क्षेत्र प्रगति का प्रतीक
ऊर्जा मंत्री ने इस उपलब्धि को बिहार के ऊर्जा क्षेत्र को प्रगति का प्रतीक बताते हुए कहा कि पूर्व में बिजली कंपनियां पूर्णतः राज्य सरकार के अनुदान एवं वित्तीय सहयोग पर आश्रित थीं. वे अब न केवल वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो गए हैं बल्कि राज्य के राजकोष में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.
किफायती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध, गुणवत्तापूर्ण और किफायती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस वित्तीय अनुशासन और राजस्व वृद्धि से हमें भविष्य में बिजली की संरचनाओं को और मजबूत करने में सहायता मिलेगी. वितरण कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत एवं प्रतिवद्धता तथा उपभोक्ताओं के सहयोग से यह संभव हो पाया है.