Bihar Encounter: महज दो दिन के भीतर ही बेगूसराय में कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय का एनकाउंटर सुर्खियों में आ गया. आरोप है कि यह शातिर बदमाश एसटीएफ टीम पर फायरिंग कर रहा था
Bihar Encounter: बिहार की राजनीति इन दिनों एक बार फिर नए मोड़ पर है. नीतीश कुमार सरकार में गृह मंत्रालय की कमान जैसे ही बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को मिली, पूरे राज्य में यह चर्चा तेज हो गई कि क्या अब बिहार में भी यूपी की तरह कड़े कानून-व्यवस्था वाला मॉडल लागू होने जा रहा है. सम्राट चौधरी के कार्यभार संभालते ही घटनाओं ने इस अंदाज को और मजबूत किया है.
शपथ लेने के महज दो दिन के भीतर ही बेगूसराय में कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय का एनकाउंटर सुर्खियों में आ गया. आरोप है कि यह शातिर बदमाश एसटीएफ टीम पर फायरिंग कर रहा था. एसटीएफ और जिला पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में उसे घायल कर दबोच लिया गया. शिवदत्त पर सरपंच के बेटे की हत्या का गंभीर आरोप भी है. इस कार्रवाई के बाद सम्राट चौधरी ने साफ कहा कि बिहार में अपराधियों के लिए अब कोई जगह नहीं है जो अपराध करेगा, उसे बिहार छोड़ना होगा.
नीतीश सरकार में इस बार बीजेपी का प्रभाव पहले से कहीं अधिक दिख रहा है. ऐसे में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की बढ़ती भूमिका कोई हैरानी नहीं पैदा करती. लेकिन कानून-व्यवस्था पर उनके शुरुआती सख्त एक्शन ने कई संकेत दे दिए हैं. सरकारी सिस्टम में गृह मंत्रालय एक शक्तिशाली विभाग है. ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर इंटेलिजेंस और दंगे-फसाद तक हर जिम्मेदारी इसी मंत्रालय के दायरे में आती है. इसलिए अब लॉ एंड ऑर्डर की सफलता या विफलता का सीधा असर बीजेपी पर पड़ेगा.
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