राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. पार्टी ने निर्विरोध उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया है, जिस वजह से राजद में जश्न का माहौल बना हुआ है. इस बीच, विपक्षी दल भी एक्टिव हो गई है. उन्होंने पार्टी की आलोचना की. लोजपा यानी चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने कहा कि लालू यादव का दोबारा अध्यक्ष चुना जाना आंतरिक तानाशाही का उदाहरण है.
पार्टी में डर का माहौल है
भारती ने एक बयान जारी करके निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव बार-बार कहते हैं कि उनकी पार्टी में लोकतंत्र समाहित है. लेकिन लालू का दोबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना आतंरिक तानाशाही को दिखाता है. लालू यादव ने जब अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया तो उनके खिलाफ क्यों कोई भी उम्मीदवार नहीं आया. इससे साबित होता है कि पार्टी में डर और दबाव का माहौल है. पार्टी में कोई भी वरिष्ठ नेता खुलकर अपनी बात रखने की हिम्मत नहीं रखता है.
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राजद में एक ही परिवार सर्वे-सर्वा
बता दें, राजद में लालू परिवार का वर्चस्व लंबे वक्त से रहा है. सबसे पहले लालू यादव फिर उनकी पत्नी राबड़ी यादव और अब तेजस्वी यादव ही सभी प्रमुख भूमिका में रहे हैं. विपक्षी दल ऐसे में सवाल उठा रहा है कि क्या सिर्फ एक परिवार ही राजद में सर्वे-सर्वा रहेगा.
चर्चा में आई तेजस्वी यादव की चुप्पी
तेजस्वी यादव ने इस चुनाव पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन पार्टी प्रवक्ताओं ने विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि पूरी पार्टी लालू यादव के नाम पर पार्टी एकजुट है. किसी को भी उनकी नेतृत्व क्षमता पर संदेह नहीं है.
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जनता के बीच मुद्दा उठाना चाहती है एनडीए
लालू के निर्विरोध जीतने पर लोजपा के साथ-साथ भाजपा और जदयू भी राजद पर हमलावर हैं. विधानसभा चुनाव आने वाले हैं, ऐसे में एनडीए जनता के बीच में ये मुद्दा उठाना चाहती है, जिससे जनता में वे संदेश दे पाएं कि राजद में लोकतंत्र सिर्फ नाम के लिए है. असली में सब कुछ एक परिवार तक ही सीमित है.