Bihar Elections 2025 Exit Poll: तेजस्वी की बातों से जनता पर क्या पड़ा असर?

Bihar Elections 2025 Exit Poll: तेजस्वी यादव ने कुशवाहा समुदाय को ज्यादा टिकट देकर यादवों की परंपरागत गोलबंदी को तोड़ने की कोशिश की, साथ ही मल्लाह समाज को साधने के लिए मल्लाह नेता को डिप्टी सीएम बनाने का वादा किया.

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Yashodhan.Sharma
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Bihar Elections 2025 Exit Poll: तेजस्वी यादव ने कुशवाहा समुदाय को ज्यादा टिकट देकर यादवों की परंपरागत गोलबंदी को तोड़ने की कोशिश की, साथ ही मल्लाह समाज को साधने के लिए मल्लाह नेता को डिप्टी सीएम बनाने का वादा किया.

Bihar Elections 2025 Exit Poll: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं. ज्यादातर सर्वे एक जैसी तस्वीर दिखा रहे हैं. चाणक्य एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी गठबंधन को 130 से 138 सीटें, जबकि इंडिया गठबंधन को 100 से 108 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं, अन्य दलों को 3 से 8 सीटें मिल सकती हैं.

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इसको लेकर न्यूज नेशन के एडिटर इन चीफ मनोज गैरोला, वरिष्ठ पत्रकार एन के सिंह चर्चा के लिए मौजूद रहे. उनका मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बार सिर्फ सोशल वेलफेयर स्कीमों पर ही नहीं, बल्कि जातीय समीकरणों पर भी गहरी रणनीति बनाई. उन्होंने EBC (अति पिछड़ा वर्ग) और महादलितों को साधने की पूरी कोशिश की. वहीं, तेजस्वी यादव ने कुशवाहा समुदाय को ज्यादा टिकट देकर यादवों की परंपरागत गोलबंदी को तोड़ने की कोशिश की, साथ ही मल्लाह समाज को साधने के लिए मल्लाह नेता को डिप्टी सीएम बनाने का वादा किया.

इसके बावजूद, एग्जिट पोल के नतीजों से लगता है कि विपक्ष इन रणनीतियों से बहुत बड़ा असर नहीं डाल पाया. वरिष्ठ पत्रकार एन.के. सिंह का कहना है कि बिहार में इस बार कोई बड़ा जातीय बदलाव नहीं दिखा. मल्लाह समाज पूरी तरह से मुकेश साहनी के साथ नहीं गया और चिराग पासवान का वोट बैंक अब भी मजबूत है.

बिहार की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करते हुए यह भी कहा गया कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय देश की औसत से एक-तिहाई है, और स्थिति कई अफ्रीकी गरीब देशों जैसी है. उद्योग, रोजगार और निवेश की भारी कमी है. सरकार का अधिकतर खर्च केंद्र से मिलने वाले फंड और वेलफेयर योजनाओं पर निर्भर है.

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