/newsnation/media/media_files/2025/10/09/pk-jansuraj-party-conflict-2025-10-09-16-21-50.jpg)
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. प्रत्याशियों के नामों का ऐलान भी शुरू कर दिया गया है. इसी कड़ी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने भी 9 अक्टूबर को अपनी पहली सूची जारी कर दी. इस दौरान प्रशांत किशोर ने कुल 51 प्रत्याशियों के नामों से पर्दा हटाया. खास बात यह है कि इस ऐलान के बाद से ही पार्टी में असंतोष भी शुरू हो गया. पार्टी ऑफिस के बाहर ही बड़ी संख्या में लोग जुटना शुरू हो गए. प्रत्याशियों के नामों को लेकर विरोध भी शुरू हो गया. हालात यहां तक पहुंच गए कि पुलिस बुलाना पड़ी.
लिस्ट में नहीं आया नाम तो कर दिया हंगामा
पटना के पाटलिपुत्र गोलंबर स्थित जन सुराज कैंप ऑफिस गुरुवार को अचानक सियासी बवाल का केंद्र बन गया, जब पार्टी की ओर से प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई. टिकट की उम्मीद लगाए बैठे कई लोगों ने लिस्ट से अपने नाम गायब पाकर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सुरक्षा बलों को मौके पर बुलाना पड़ा.
51 उम्मीदवारों की सूची में नहीं दिखे कई चेहरे
बिहार की राजनीति में नई शुरुआत कर रही प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने अपनी पहली लिस्ट में 51 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. यह एलान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती, और पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.सी.पी. सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया.
हालांकि जैसे ही नामों की घोषणा हुई, वहां मौजूद टिकट के दावेदारों में गुस्सा फूट पड़ा. एक महिला, जो टिकट की प्रबल उम्मीदवार थीं, कैमरे के सामने फूट-फूटकर रोने लगीं. कार्यकर्ताओं का आरोप था कि मेहनत और वफादारी के बावजूद उन्हें नजरअंदाज किया गया.
कुछ ही देर में जन सुराज पार्टी अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने जा रही है।
— Manoj Bharti (@ManojBhartiJSP) October 9, 2025
यह सिर्फ़ टिकट बंटवारे की प्रक्रिया नहीं है। बल्कि उस सोच, उस संघर्ष और उन हजारों लोगों के सपनों की पहचान है, जिन्होंने एक ईमानदार राजनीति के लिए इस पार्टी को खड़ा किया है।
यह उन युवाओं की उम्मीद…
पहले ही थी हंगामे की आशंका
वहीं जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर इस तरह की प्रतिक्रिया की आशंका जता दी थी. उन्होंने लिखा था- 'यह सिर्फ टिकट बंटवारे की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि उस सोच, उस संघर्ष और उन हजारों लोगों के सपनों की पहचान है, जिन्होंने ईमानदार राजनीति के लिए इस पार्टी को खड़ा किया है. यह उन युवाओं की उम्मीद है, जिन्होंने सत्ता नहीं, बदलाव का रास्ता चुना है.'
यह संदेश साफ संकेत था कि जन सुराज टिकट वितरण को केवल राजनीतिक गणित नहीं, बल्कि आदर्श आधारित चयन प्रक्रिया के रूप में पेश कर रही है.
बिहार में ‘नई राजनीति’ की परीक्षा की घड़ी
यह पूरा घटनाक्रम दिखाता है कि नई राजनीति का दावा करने वाली जन सुराज पार्टी को भी उसी पारंपरिक राजनीतिक संस्कृति का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वह खुद को अलग बताती है. टिकट न मिलने पर हंगामा इस बात का संकेत है कि राजनीति में उम्मीद और हकीकत के बीच की दूरी अब भी बनी हुई है.
11 अक्टूबर से शुरू होगा पीके का चुनाव प्रचार
इस हंगामे और विरोध के बीच प्रशांत किशोर 11 अक्टूबर से अपनी चुनावी प्रचार की शुरुआत करेंगे. बता दें कि पहली सूची में उन्होंने सभी वर्गों को ध्यान में रखा है. 51 लोगों की लिस्ट में 17 अति पिछड़ा वर्ग को जगह दी गई है. जबकि 11 पिछड़े और 8 अल्पसंख्यक कैंडिडेट शामिल किए हैं. सामान्य की बात करें तो इनकी संख्या 7 है. जो सभी वर्गों के मुकाबले सबसे कम है. पीके का चुनावी अभियान राघोपुर से शुरू होगा. इसमें सोनपुर से लेकर करगहर जैसे चुनावी क्षेत्र शामिल होंगे.
यह भी पढ़ें - Bihar Elections: जनसुराज पार्टी ने 51 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की, इसमें सिंगर-डॉक्टर सहित किन्नर भी शामिल