Bihar Election 2025: तेजस्वी के लिए यह सिर्फ एक विधानसभा सीट नहीं बल्कि उनकी राजनीतिक पहचान का अहम आधार है. ऐसे में तेज प्रताप की यहां सक्रियता कई सवाल खड़े कर रही है.
बिहार की राजनीति में यादव परिवार के भीतर खींचतान नई नहीं है, लेकिन विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह विवाद फिर सुर्खियों में है. आरजेडी से निकाले गए तेज प्रताप यादव इन दिनों जोर-शोर से चुनावी मैदान में सक्रिय हैं. खास बात यह है कि उन्होंने अब अपने भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के गढ़ राघवपुर में दस्तक दे दी है.
बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचकर बांटी राहत सामग्री
तेज प्रताप यादव हाल ही में राघवपुर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे और बाढ़ प्रभावित गांवों में लोगों को चावल व राशन की किटें बांटीं. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार की नीतियों पर हमला बोला. हालांकि उनके निशाने पर केवल नीतीश सरकार ही नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष तौर पर तेजस्वी यादव भी रहे. बिना नाम लिए उन्होंने यह जताने की कोशिश की कि स्थानीय विधायक यानी तेजस्वी ने बाढ़ पीड़ितों की सुध नहीं ली है, जबकि वे खुद लोगों के बीच मौजूद हैं.
लालू परिवार का गढ़ है राघवपुर
राघवपुर विधानसभा सीट को लालू-राबड़ी परिवार का सुरक्षित गढ़ माना जाता है. लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी कई बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं. इसके बाद यह सीट तेजस्वी यादव के पास आई और उन्होंने 2015 व 2020 दोनों चुनावों में जीत दर्ज की. तेजस्वी के लिए यह सिर्फ एक विधानसभा सीट नहीं बल्कि उनकी राजनीतिक पहचान का अहम आधार है. ऐसे में तेज प्रताप की यहां सक्रियता कई सवाल खड़े कर रही है.
चुनावी समीकरण पर उठे सवाल
तेज प्रताप यादव का राघवपुर में इस तरह एक्टिव होना महागठबंधन और खासकर आरजेडी की राजनीति पर सीधा असर डाल सकता है. अभी तक वे अपने निर्वाचन क्षेत्र हसनपुर और पटना तक ही सीमित थे, लेकिन अब तेजस्वी के गढ़ में उतरकर उन्होंने यह संकेत दिया है कि राजनीति में उनकी भूमिका और बड़ी हो सकती है.
हालांकि, तेज प्रताप ने पहले ही कहा था कि वे महुआ से चुनाव लड़ेंगे. गौरतलब है कि महुआ से उन्होंने 2015 में अपना पहला चुनाव लड़ा था और सीट अभी भी आरजेडी के पास है. वहीं मीडिया में जब तेजस्वी के राघवपुर और महुआ दोनों सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर सवाल पूछा गया तो तेज प्रताप ने पलटवार करते हुए कहा, “अगर तेजस्वी महुआ से लड़ेंगे, तो मैं भी चुनाव लड़ूंगा.”
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
तेज प्रताप यादव के राघवपुर दौरे का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई. कई लोग इसे भाईचारे के भीतर सियासी खींचतान बता रहे हैं, तो कुछ इसे तेज प्रताप का राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश मान रहे हैं. अब देखना यह होगा कि क्या वे वाकई राघवपुर से चुनावी मैदान में उतरते हैं या केवल दबाव की राजनीति कर रहे हैं.
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