Bihar Election 2025: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. लेकिन इस चुनाव से पहले ही सियासी हलचलें तेज हो गई हैं. एनडीए जहां सत्ता में दोबारा वापसी के लिए जोर लगा रहा है वहीं महागठबंधन भी रणनीति तैयार करने में जुटा है. हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बीजेपी नेताओं की एक अहम मुलाकात ने कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दे दिया है. बुधवार, 16 अप्रैल को दोपहर में बिहार के सीएम आवास पर बीजेपी के दिग्गज नेता पहुंचे और नीतीश कुमार के साथ लंबी बातचीत की.
इसके ठीक दूसरे दिन यानी गुरुवार को महागठबंधन की बैठक भी हुई इसमें राजद से लेकर कांग्रेस तक अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने शिरकत की. इन दिनों की बैठकों ने प्रदेश सियासी पारे को हाई कर दिया है. ऐसा लगता है जैसे कुछ बड़ा होने वाला है.
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नीतीश से मुलाकात हुई क्या बात हुई?
सीएम नीतीश कुमार से उन्हीं के आवास पर बीजेपी नेताओं की एक अहम मुलाकात हुई है. मुलाकात में शामिल नेताओं में बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और संगठन महामंत्री भीखू भाई दलसानिया जैसे नाम प्रमुख रहे. इस मुलाकात से पहले सभी नेता बीजेपी दफ्तर में एक रणनीतिक बैठक में जुटे थे, जिसके बाद सीधे मुख्यमंत्री आवास की ओर रवाना हुए.
माना जा रहा है कि इस उच्च स्तरीय बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करना था. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 अप्रैल को प्रस्तावित मधुबनी दौरे की तैयारियों पर भी गंभीर विचार-विमर्श हुआ.
बैठक के दौरान गठबंधन की एकता, सीटों के बंटवारे की रूपरेखा और जमीनी स्तर पर चुनावी रणनीतियों पर चर्चा की गई. साथ ही यह संदेश देने की भी कोशिश की गई कि नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा.
महागठबंधन ने भी तय की दिशा
उधर दूसरी तरफ अगले ही दिन महागठबंधन की भी बैठक हुई. बैठक में महागठबंधन के सभी पार्टनर कांग्रेस, राजद, लेफ्ट के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक में राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन की बैठक में इंडिया एलायंस के बिहार के सभी पार्टनर मौजूद रहे. इस दौरान चुनाव से जुड़े मुद्दों और रणनीति पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता खटारा सरकार से काफी गुस्सा है. गरीबी से लेकर बेरोजगारी तक बिहार नंबर वन है. ऐसे में गरीबी, बेरोजगारी से लेकर अपराध जैसे मुद्दों पर इस बार महागठबंधन चुनाव लड़ेगा.
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नीतीश कुमार और बीजेपी नेताओं की यह मुलाकात केवल एक शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि आगामी चुनावों की रणनीति तय करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी. इसमें जहां चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने की कोशिश हुई, वहीं प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासनिक और सियासी तैयारी भी सुनिश्चित की गई. यह बैठक एक बार फिर साबित करती है कि बिहार में एनडीए के भीतर नेतृत्व को लेकर कोई असमंजस नहीं है और गठबंधन पूरी मजबूती के साथ चुनावी रण में उतरने को तैयार है.