/newsnation/media/media_files/2025/10/17/ip-gupta-bihar-2025-10-17-14-33-59.jpg)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन में 7वें दल की एंट्री हो गई है। पान समाज की राजनीति करने वाले आईपी गुप्ता की इंडियन इंक्लूसिव पार्टी को विपक्ष की महागठबंधन में 3 सीटें मिल गई हैं।आईपी गुप्ता खुद सहरसा सीट से अपनी पार्टी के करनी छाप पर चुनावी मैदान में होंगे।
बिहार की राजनीति में इस बार एक नया नाम इंजीनियर आईपी गुप्ता, जिन्होंने कांग्रेस से अलग होकर इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (IIP) का गठन किया है। पहले इंकलाब पार्टी के नाम से जानी जाने वाली यह पार्टी अब अपने नए नाम और अनोखे प्रचार अभियान — ‘पान रथ यात्रा’ — की वजह से सुर्खियों में है।
आईपी गुप्ता पूरे बिहार में ‘पान रथ’ लेकर घूम रहे हैं, और इस रथ के जरिए वे पान व्यवसाय से जुड़े लोगों के साथ-साथ ग्रामीण समाज के विविध तबकों से संवाद स्थापित कर रहे हैं। बिहार में पान सिर्फ एक स्वाद नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान है। और गुप्ता ने इसी को राजनीतिक हथियार बना दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, आईपी गुप्ता की बढ़ती सक्रियता से, एनडीए और जन सुराज पार्टी के समीकरण बदल सकते हैं। गुप्ता की पार्टी से एनडीए के ग्रामीण जनाधार को भी चुनौती मिल सकती है। जन सुराज पार्टी के लिए भी यह एक नया सिरदर्द बनता जा रहा है। क्योंकि गुप्ता का “पान नेटवर्क” स्थानीय नेताओं तक अपनी पैठ बना रहा है।
तांती-ततवा समाज की राजनीति से उभरे ‘पान नेता’
आईपी गुप्ता का जनाधार मुख्य रूप से तांती और ततवा जाति से जुड़ा है। ये दोनों जातियां लंबे समय से अपने सामाजिक वर्गीकरण को लेकर संघर्ष कर रही हैं। 1 जुलाई 2015 को बिहार सरकार ने इन जातियों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हटाकर अनुसूचित जाति में शामिल किया था। लेकिन 17 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस फैसले को रद्द कर दिया।
तब से तांती-ततवा समुदाय फिर से अति पिछड़ा वर्ग में आ गया है। इसी मुद्दे को लेकर आईपी गुप्ता लगातार आंदोलन कर रहे हैं और अब उन्होंने इसे अपनी राजनीति का केंद्र बना लिया है। उनका दावा है कि “जब तक तांती-ततवा समाज को फिर से एससी में शामिल नहीं किया जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।”