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2005 से पहले अफ्रीकी देशों से भी खराब था बिहार का हाल : सुशील मोदी

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा अब तक नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक दलों की बयानबाजी ने अब जोड़ पकड़ लिया है.

Updated on: 23 Sep 2020, 01:59 AM

नई दिल्ली:

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा अब तक नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक दलों की बयानबाजी ने अब जोड़ पकड़ लिया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने तो मंगलवार को विरोधियों पर निशाना साधते हुए यहां तक कह दिया कि बिहार की हालत 2005 के पहले अफ्रीकी देशों से भी खराब थी. बिहार सरकार के सात विभागों की अनेक योजनाओं के उद्घाटन, शिलान्यास के लिए आयोजित वर्चुअल समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, "2005 के पहले बिहार की हालत अफ्रीकी देशों से भी ज्यादा खराब थी. लोग बिहारी कहलाने में शर्म महसूस करते थे और अपनी पहचान छिपाते थे."

उन्होंने कहा, "बड़ी मुश्किल से उस अंधेरी सुरंग से आज बिहार को निकाल कर यहां तक लाया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह से बिहार की मदद कर रहे हैं, वैसे में अब बिहार का विकास कभी रूकेगा नहीं."

मोदी ने आगे कहा कि शुरुआत में विपक्ष ने कोरोना को मुद्दा बनाने का प्रयास किया, मगर आज प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा जांच हो रही है, एम्स सहित अन्य अस्पतालों में बेड खाली पड़े हैं. सरकार की सजगता की वजह से ही इस साल चमकी बुखार से बड़ी संख्या में बच्चों की जान बचाई जा सकी है.

पर्यटन क्षेत्रों के विकास का दावा करते हुए उन्होंने कहा, "इको टूरिज्म के नए स्थल के तौर पर जिस बेहतर ढंग से करकटगढ़, तुतला भवानी और वाल्मीकिनगर आदि का विकास किया गया है, वह कल्पना से परे हैं."

मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि अगर आगे मौका मिलता है तो वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में मंत्रिपरिषद की पहली बैठक जरूर आयोजित की जाए, जिससे पूरे देश का ध्यान आष्ट हो. पटना में जिस राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध संस्थान का शिलान्यास किया जा रहा है, वह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का पहला संस्थान होगा.