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बिहार में बढ़ते प्रदूषण को देख नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब नहीं चलेंगे ये वाहन...

इसके अंतर्गत अब अप्रैल 2021 से डीजल की गाड़ियों पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.

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yogesh bhadauriya
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बिहार में बढ़ते प्रदूषण को देख नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अब नहीं चलेंगे ये वाहन...

फाइल फोटो( Photo Credit : News State)

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बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदूषण पर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इसके अंतर्गत अब अप्रैल 2021 से डीजल की गाड़ियों पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. पटना, खगौल, दानापुर, फुलवारीशरीफ सहित शहरी क्षेत्रों में डीजल से चलने वाले ऑटोरिक्शा, ई-रिक्शा, सीएनजी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे, वहीं इन इलाकों में पेट्रोल से चलने वाले वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि लघु जल संसाधन में संविदा पर दो सौ जूनियर डॉक्टरों की बहाली की जाएगी.

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बिहार के पिछड़े इलाकों में 9 साल तक कम हुई औसत उम्र

बिहार के दूसरे पिछड़े जिलों का और भी ज्यादा बुरा हाल है. सीवान, गोपालगंज, सारण और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में लोगों की औसत उम्र 8 से 9 साल तक कम हुई है. इन इलाकों में भी 1998 में औसत उम्र 4 साल तक कम हुई थी. प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने लोगों की औसत उम्र कम कर दी है.

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने इस पर रिसर्च कर रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिसर्च टीम ने 1998 से लेकर 2016 के बीच विभिन्न शहरों में एयर क्वालिटी की जांच की है. स्टडी में स्थानीय प्रदूषण और उसके ग्लोबल मापदंडों का अध्ययन कर रिपोर्ट जारी की है.

पटना में हाल के दिनों में हवा की क्वालिटी ज्यादा खराब हुई है. पटना बिहार का 10वां सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है. कुछ और शहरों की हालत उससे भी ज्यादा खराब है. बिहार में सीवान सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है. यहां अगर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मापदंडों के आधार पर हवा की क्वालिटी होती तो लोग 9.01 साल ज्यादा जीते. इसी तरह से गोपालगंज, सारण, मुजफ्फरपुर और वैशाली के लोग 8 साल ज्यादा जीते

बिहार में प्रदूषण की वजह से हो रही हैं मौतें

बिहार में प्रदूषण की वजह से होने वाली मौतों पर आईआईटी दिल्ली और पटना स्थित एनवॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट ने एक रिसर्च की थी. पता चला कि 2000 से 2017 के बीच प्रदूषण की वजह से 4,127 लोगों की मौत हुई.

बिहार, झारखंड और यूपी में प्रदूषण का स्तर काफी खराब है. यहां प्रदूषण की वजह से सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं. कानपुर और लखनऊ में सबसे ज्यादा औसतन 4,173 और 4,127 मौतें प्रदूषण की वजह से होती हैं.

बिहार के गया और मुजफ्फरपुर में प्रदूषण की वजह से साल 2000 से 2017 के बीच औसतन 710 से 531 मौतें हुईं. एक और रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ साल 2017 में प्रदूषण की वजह से बिहार में 91,458 लोगों की मौत हुई. इनमें से 14,929 छोटे बच्चे थे, जिनकी उम्र 5 साल से कम थी. मरने वालों में 1,062 की उम्र 5 से 15 साल के बीच थी.

Source : News Nation Bureau

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