बिहार विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश, विकास दर 7.6 प्रतिशत

बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन गुरुवार को राज्य के वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने 2016-17 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया।

बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन गुरुवार को राज्य के वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने 2016-17 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया।

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Jeevan Prakash
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बिहार विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश, विकास दर 7.6 प्रतिशत

फाइल फोटो (Image Source- Gettyimages)

बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन गुरुवार को राज्य के वित्तमंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने 2016-17 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। दावा किया गया कि बिहार तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक है। विकास की दर 10 प्रतिशत से अधिक है और राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर 7.6 प्रतिशत रही, जबकि राष्ट्रीय अर्थव्यस्था की यह दर 6.8 प्रतिशत रही है।

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बिहार विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में वित्तमंत्री ने दावा किया कि बिहार की अर्थव्यवस्था में निरंतर सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तवर्ष में विनिर्माण, विद्युत, गैस एवं जलापूर्ति, व्यापार, होटल, संचार के साथ ही मत्स्य क्षेत्र के जबरदस्त प्रदर्शन की बदौतल विकास की दर 10 प्रतिशत से अधिक रही है।

सिद्दीकी ने बताया कि राज्य में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जहां 17.7 प्रतिशत रही, वहीं विद्युत, गैस एवं जलापूर्ति की 15.2 प्रतिशत, व्यापार, मरम्मत, होटल एवं रेस्तरां की 14.6 प्रतिशत तथा परिवहन, भंडारण एवं संचार की 12.6 प्रतिशत रही।

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वित्तमंत्री ने बताया, 'राज्य का राजस्व अधिशेष 2011-12 के 4,820 करोड़ रुपये से बढ़कर 2015-16 में 12,507 करोड़ रुपये हो गया है। यह अभी तक के सर्वोच्च स्तर है। इसके कारण राज्य सरकार के लिए पूंजीगत व्यय 5,800 करोड़ रुपये से ज्यादा होने का अनुमान लगाया गया है।'

उन्होंने दावा किया कि बिहार में राजस्व में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इस वित्तवर्ष में राजस्व प्राप्ति में 17,706 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जिसमें 16,659 करोड़ (करीब 94 प्रतिशत) अकेले कर राजस्व के बढ़ने के कारण हुई है।

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वित्तमंत्री ने कहा कि दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2014-15 में राज्यभर में दुग्ध सहकारी समितियों की कुल संख्या जहां 18.4 हजार थी, वहीं वर्ष 2015-16 में इसकी संख्या बढ़कर 19.5 हजार हो गई।

इस दौरान राज्य में पुलों और सड़कों के क्षेत्र में भी निवेश बढ़ने का दावा सर्वेक्षण रिपेार्ट में किया गया है। सड़क क्षेत्र में वर्ष 2007-08 में जहां 2,696 करोड़ रुपये का निवेश था वह वर्ष 2016-17 में बढ़कर 7,696 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह राज्य की सड़कों में भी वृद्धि दर्ज की गई है।

सिद्दीकी 27 फरवरी को बिहार विधानसभा में वित्तवर्ष 2017-18 का राज्य का बजट पेश करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष केंद्र सरकार की तर्ज पर बिहार में भी आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है।

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Source : IANS

Bihar Growth Rate GDP
      
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