बिहार में एक बार फिर बोर्ड की परीक्षा होने वाले हैं। 21 फरवरी से शुरू होने वाली मैट्रिक की परीक्षा 28 फरवरी तक चलेंगी। इस बार प्रदेश में 17.70 लाख परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा दें रहे हैं।
बिहार पिछले कुछ सालों से परीक्षा में होने वाले नकल को लेकर खबरों में रही है।
इस बार नकल को रोकने के लिए प्रशासन कोई कोताही नहीं बरतना चाहता और इसी के मद्देनजर राज्य की शिक्षा विभाग ने कड़े कदम उठाए हैं। इस बार परीक्षार्थी जूते पहनकर परीक्षा नहीं दे पाएंगे।
2 दिन पहले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने फरमान जारी करते हुए सभी 17.70 लाख परीक्षार्थियों को बताया कि परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में जूते और मोजे पहनकर ना आएं केवल चप्पल पहनकर आएं।
साथ ही बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने भी अखबारों में इश्तिहार के जरिए सभी परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों तक यह बात पहुंचा दी कि इस बार बिहार सरकार कदाचार मुक्त परीक्षा कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इसके अलावा 1426 परीक्षा केंद्रों पर सरकार सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखेगी। हर 25 परीक्षार्थियों पर 1 वीक्षक की तैनाती होगी. जो परीक्षा शुरू होने से पहले इस बात की जांच करेगा कि किसी भी परीक्षार्थी के पास कोई आपत्तिजनक सामग्री तो नहीं मौजूद है।
इसके अलावा सभी इस परीक्षा केंद्र से 200 मीटर की दूरी तक धारा 144 लागू रहेगी। इसके अलावा परीक्षा केंद्रों पर सभी केंद्राधीक्षकों को साधारण फोन खरीदने के लिए 1200 रुपये दिए जाएंगे। सरकार का सख्त आदेश है ही कोई भी केंद्राधीक्षक स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करेगा
Source : News Nation Bureau
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