Bihar News: प्रेमिका की जिद के आगे झुके दारोगा जी, थाने में हुई शादी, वर्दी वाले बने बाराती

मोहब्बत के आगे बिहार के एक दारोगा को झूकना पड़ा. मोहब्बत की जंग में आखिरकार दारोगा बाबू को दूल्हा बनना ही पड़ा.

मोहब्बत के आगे बिहार के एक दारोगा को झूकना पड़ा. मोहब्बत की जंग में आखिरकार दारोगा बाबू को दूल्हा बनना ही पड़ा.

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Jatin Madan
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बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर की शादी.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

मोहब्बत के आगे बिहार के एक दारोगा को झूकना पड़ा. मोहब्बत की जंग में आखिरकार दारोगा बाबू को दूल्हा बनना ही पड़ा. बाराती भी पुलिस वाले ही बने. घंटों थाने में हाईवोल्टेज ड्रामा चला. तमाशा चलता रहा, लेकिन प्रेम में हद पार करने की कसम भी प्रेमिका वंदना ने खा रखी थी और आखिरकार थाने में ही दोनों की शादी हुई. संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर को साक्षी मानकर दारोगा बाबू ने अपनी प्रेमिका से शादी रचाई. दारोगा को अपनी प्रेमिका की मंजिल तक पहुंचने की जिद के आगे झुकना पड़ा. दारोगा बाबू मनोज ने जीवन भर के लिए अपनी प्रेमिका वंदना को जीवन संगीनी बना लिया.

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6 सालों से चल रहा था प्रेम प्रसंग

मोहब्बत की ये कहानी सिल्क सिटी भागलपुर की है. एकचारी के टपुआ दियारा गांव के रहने वाले मनोज कुमार उर्फ गौरव का गांव की ही रहने वाली वंदना के साथ पिछले 6 सालों से प्रेम प्रसंग चल रहा था. मोहब्बत का रंग चढ़ता रहा और इसी बीच प्रेमी गौरव अवर निरीक्षक की परीक्षा पास कर दारोगा बन गया. करियर में चार चांद लगे तो चांद सी अपनी महबूबा को दारोगा बाबू ने भूला दिया. गौरव के लिए इधर-उधर से रिश्ते भी आने लगे, लेकिन मनोज के मोहब्बत में जकड़ चुकी वंदना अपने प्यार को किसी हाल में भूलना नहीं चाहती थी. वंदना ने अपने प्यार को किसी भी हाल में अपना बनाने की जिद ठान ली. जात अलग, बिरादरी अलग, लेकिन मोहब्बत का रंग एक था. बस इस रंग में खलल इंकार का था, लेकिन प्रेमिका की जिद के आगे इंकार का ये रंग बेअसर रहा. दारोगा बाबू मनोज ने अपनी प्रेमिका वंदना को अपना लिया.

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हाइवोल्टेज ड्रामे को ठहराव

मोहब्बत और शादी के बीच इस हाइवोल्टेज ड्रामे को ठहराव में थाने में ही मिला. आमतौर पर शादियां घर में बैक्वेट हॉल में जहां होती है, लेकिन यहां शादी थाने में हुई. महिला पुलिस ने ही प्रेमिका वंदना को दुल्हन की तरह सजाया और दूसरी तरफ sc-st थाने की पुलिस ने प्रेमी को दूल्हे की तरह सहरा पहनाया और दोनों ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर उनसे आशीर्वाद लिया. जन्म जन्मांतर के लिए एक हो गए.

वंदना को मिला उसका प्यार

लड़की अपने प्यार को पाने के लिए हर जगह जो मिन्नते कर रही थी, वो रंग ले आई. थाना से लेकर एसएसपी के कार्यालय के चक्कर काटने वाली वंदना को उसका प्यार मिल गया. वंदना के प्यार आगे ना सिर्फ दारोगा बाबू झूके बल्कि लड़के पक्ष के तमाम लोगों ने इस शादी के लिए हामी भरी और फिर दोनों शादी के बंधन में बंध गए.

HIGHLIGHTS

  • भागलपुर में दारोगा मनोज और वंदना की शादी
  • बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को साक्षी मानकर की शादी
  • तमाम लोगों ने इस शादी के लिए भरी हामी 

Source : News State Bihar Jharkhand

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