logo-image

बिहार में NRC लागू नहीं करने का प्रस्ताव विधानसभा में पास, NPR को लेकर भी बड़ा फैसला

बिहार विधानसभा में एनपीआर और एनआरसी को लेकर दो अहम प्रस्ताव पारित किए गए हैं.

Updated on: 25 Feb 2020, 05:46 PM

पटना:

बिहार विधानसभा (Bihar assembly) में आज एनपीआर और एनआरसी को लेकर दो अहम प्रस्ताव पारित किए गए हैं. सदन में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (National Register of Citizens) को लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया गया है. इसके अलावा सदन ने 2010 में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को एक संशोधन के साथ लागू करने का प्रस्ताव भी पारित किया है. इन प्रस्तावों को सदन में विधानसभा के अध्यक्ष विजय चौधरी ने पारित किया. जिसके बाद यह विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हो गए हैं.

यह भी पढ़ें: राज्यसभा की बिहार में खाली हो रही 5 सीटों पर 26 मार्च को होंगे चुनाव

बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र को लिखा है कि एनपीआर के तहत राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2010 में अंकित श्रेणियों से संबंधित सूचनाएं ही प्राप्त की जाएं जिससे लोगों को कठिनाई नहीं हो. गौरतलब है कि बिहार में एनडीए की सरकार है. नीतीश कुमार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि बिहार में एनआरसी की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने हाल ही में एनपीआर में भी संशोधन करने की बात कही थी.

इससे पहले बिहार विधानसभा में सीएए को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा काला कानून बताए जाने पर सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक और हंगामा हुआ, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. बिहार विधानसभा की मंगलवार को कार्यवाही शुरू होने पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने एनपीआर को लेकर विपक्षी दलों राजद, कांग्रेस और भाकपा माले द्वारा लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा कराए जाने तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इसको लेकर स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग की.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में दंगाईयों ने भारी भूल की है, कीमत चुकानी होगी, हिंसा पर बोले जेडीयू नेता

तेजस्वी ने सीएए को काला कानून, संविधान विरोधी और देश को तोड़ने वाला करार दिया. इस पर बीजेपी के मंत्री विजय कुमार सिंहा ने कहा कि तेजस्वी संविधान का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने तेजस्वी से अपने कथन को वापस लिए जाने की मांग करते हुए कुछ कहा जिस पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई. विपक्षी और सत्तापक्ष के सदस्यों के बीच नोंकझोंक शुरू हो गयी. बीजेपी के मंत्री नंदकिशोर यादव और विजय कुमार सिन्हा ने यह कहते हुए विपक्ष पर कटाक्ष किया कि क्या संसद एक काला कानून पारित करती है?