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बिहार चुनाव परिणाम में हो सकती है देर भी, जानें वजह

वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होगी. इस दौरान सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे. इसके बाद करीब 8:30 बजे से ईवीएम से वोटों की गिनती शुरू होगी.

Updated on: 10 Nov 2020, 07:34 AM

पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) में अधिकांश एक्जिट पोल (Exit Polls) में राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में पांच दलों के महागठबंधन (Mahagathbandhan) को जीत हासिल होने का पूर्वानुमान व्यक्त किये जाने के बीच कुछ ही देर में मतगणना शुरू होने वाली है. राज्य में मतगणना 38 जिलों के 55 मतगणना केंद्रों पर होगी और इसके परिणाम नीतीश कुमार सरकार का भविष्य तय करेंगे. नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षो से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. हालांकि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ देरी से भी आ सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो इसका कारण आपको भी पता होना चाहिए. जानिए....

  • वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होगी. इस दौरान सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे. इसके बाद करीब 8:30 बजे से ईवीएम से वोटों की गिनती शुरू होगी. पहला रुझान 8:45 बजे तक आ सकता है.
  • नतीजे आने में कोरोना महामारी का असर भी साफ दिखेगा. इस बार चुनाव में 1 लाख 6 हजार 526 बूथ बनाए गए थे, जबकि साल 2015 में 65 हजार 367 बूथ थे. बूथों की संख्या करीब 63 फीसदी बढ़ी है, इस लिहाज से ईवीएम की संख्या भी बढ़ी है. ऐसे में वोट गिनने में देरी होना लगभग तय है.
  • एक ईवीएम में 16 उम्मीदवारों का ही नाम आता है. ऐसे में अगर किसी विधानसभा में 17 उम्मीदवार भी हों तो वहां हर बूथ पर दो ईवीएम लगानी पड़ेगी. इसी तरह एक ईवीएम अधिकतम 2,000 वोट रिकॉर्ड कर सकती है. हर बूथ पर इस बार मतदाताओं की संख्या को 1,000 तक सीमित किया गया था. पिछले चुनाव तक एक ईवीएम में 1,500 तक वोट दर्ज होते थे.
  • वोटिंग खत्म होने के बाद ईवीएम को सील कर दिया जाता है. मतगणना वाले दिन ईवीएम की पहले जांच होती है. जांच के बाद ही उसे ऑन किया जाता है. ईवीएम पर ही रिजल्ट का बटन होता है, जो सील रहता है. सील हटाने के बाद रिजल्ट बटन दबाते ही हर उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या दिखने लगती है. 
  • पहले राउंड की गिनती पूरी होने के बाद चुनाव अधिकारी दो मिनट तक इंतजार करते हैं. अगर किसी उम्मीदवार को लगता है कि मतगणना में कोई गड़बड़ी हो गई है या कोई आपत्ति है, तो वो दो मिनट में ही आपत्ति दर्ज करा सकता है. इसके बाद ईवीएम को फिर सील कर दिया जाता है. 
  • आपत्ति आने के बाद वीवीपैट से मिलान किया जाता है. अगर दो बार से ज्यादा वीवीपैच और ईवीएम के नतीजों में फर्क आता है, तो वीवीपैट के नतीजों को ही माना जाता है.