बिहार में यूं तो शराबबन्दी है मगर नीतीश कुमार की सरकार की सबसे बड़ी परेशानी इसे पूर्ण रूप से सफल बनाने की है. अब सरकार अपने कर्मचारियों को सबसे पहले इस घेरे में रखना चाहते हैं. इसके लिये सरकारी गलियारे में खास शपथग्रहण कार्यक्रम और इसके लिये सरकारी आदेश तक जारी किया गया. पटना के मुख्य सचिवालय के गलियारो में सोमवार को शपथग्रहण चल रहा था. जिसमें विशेष शपथ दिलवायी जा रही थी. इस बीच मुख्यमंत्री से मुख्य सचिव और कई अहम विभाग यहीं पर थे.
सभी को शपथ में बुलवाया गया कि न हम शराब पियेंगे और न दूसरों को पीने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके लिए बकायदा 25 जुलाई को एक चिट्ठी सरकार ने निर्गत की, जिसमें 29 तारीख यानी सोमवार को सभी को शपथ लेना था और शपथ पत्र भी भरना था. सभी कर्मचारी एक सुर में शपथ ले रहे थे..
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बिहार नें चार लाख सरकारी कर्मचारी हैं. बिहार के मुख्य सचिव दिपक कुमार ने कहा की ये प्रयास जारी है की ज्यादा से ज्यादा लोग सामाजिक दायित्वों को समझें. शपथ दिल्वाने से एक साथ कई उद्देश्य की पू्र्ति होती है. मगर विपक्ष सरकार से नाराज़ है, कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने सवाल इल मामले पर सवाल उठाये और कहा कि शराबबंदी के तीन वर्ष से ज्यादा हो गये, मगर अब भी यहां शपथ दिलवाई गई है. कांग्रेस ने कहा कि देखिये हर तरफ शराब का गोरख धंधा चल रहा है. फिलहाल सरकार की कोशिश ये है की उनके कर्मचारी सबसे पहले इसे सफल बनाये और कल को अगर कोई कर्मचारी पकड़ा जाये इन मामलों में तो उन पर इस शपथग्रहण के सहारे कारवाई भी हो जाये.
Source : Rajnish