बिहार में मतदाता सूची के विशेष तीव्र पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. इस बीच मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने न्यूज नेशन से ऑन रिकॉर्ड में कहा,“यह हर भारतीय के लिये गर्व की घड़ी है. चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ खड़ा था, खड़ा है और खड़ा रहेगा.”
घर-घर वितरण शुरू हो गया
गौरतलब है कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 7.89 करोड़ मतदाताओं के नामों की पुष्टि और जांच का अभियान चलाया जा रहा है. इसे लेकर नए एन्यूमरेशन फॉर्म (EF) की छपाई और घर-घर वितरण शुरू हो गया है, जबकि ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी सुचारू रूप से चालू है. इस महाअभियान का उद्देश्य है कि कोई भी असली मतदाता छूटे नहीं और फर्जी नामों को हटाया जा सके.
विपक्षी दलों ने सवाल उठाए
हालांकि, इस प्रक्रिया पर कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया चेयरमैन पवन खेड़ा और राजद नेता तेजस्वी यादव समेत कई विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं. इन नेताओं का कहना है कि आयोग को पारदर्शिता और निष्पक्षता पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि किसी भी मतदाता के अधिकार पर आंच न आए.
SMS समेत कई माध्यमों से सूचनाएं दी जा रही
फिलहाल निर्वाचन आयोग का दावा है कि यह पूरी कवायद समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाई जा रही है, और मतदाताओं को जागरूक करने के लिए लगातार SMS समेत कई माध्यमों से सूचनाएं दी जा रही हैं.