New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2023/03/02/bara-narsanhar-10.jpg)
भूमिहारों के नरसंहार कांड में बड़ा फैसला( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
12 फरवरी, 1992 की वह काली रात, जिसे याद करके आज भी पीड़ित परिवार और घटना के बारे में सुनने वाले लोगों का रोम-रोम सिहर उठता है.
भूमिहारों के नरसंहार कांड में बड़ा फैसला( Photo Credit : फाइल फोटो)
आदमी पूरे दिन दो वक्त की रोजी रोटी के लिए काम करता है और फिर थक हारकर सुकून की नींद के लिए अपने घर वापस लौट जाता है. क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि आपके अपने घरों में सोए, लेकिन उनकी सुबह फिर कभी हो ही ना. कुछ ऐसा ही हुआ एक नहीं, दो नहीं बल्कि 35 भूमिहारों के साथ. 12 फरवरी, 1992 की वह काली रात, जिसे याद करके आज भी पीड़ित परिवार और घटना के बारे में सुनने वाले लोगों का रोम-रोम सिहर उठता है. कोई उस रात को याद नहीं करना चाहता, जिसने भी अपने परिवार को इस घटना में खोया, उनका यह घाव आज भी भरा नहीं है. आज भी उस रात को याद कर आंखों से आंसू बहने लगते हैं. अपने परिजनों को खो चुके लोग सालों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.
एक साथ 35 भूमिहारों को सुलाया मौत के घाट
बता दें कि गया के टिकारी प्रखंड के बारा गांव में नक्सली 12 फरवरी को घूसे और 35 भूमिहारों के पहले हाथ-पैर बांधे और फिर उनके गले को रेत डाला. बहुत ही निर्मम तरीके से एक साथ इतने लोगों का नरसंहार कर दिया गया. एक ऐसी घटना, जिसके बारे में सुनकर भी रूह कांप जाए.
लोगों को मिला इंसाफ
35 भूमिहारों की हत्या के आरोप में 2 मार्च को घटना के मुख्य आरोपी किरानी यादव को सजा सुनाई गई. किरानी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. आखिरकार 31 साल बाद लोगों को इंसाफ मिल ही गया.
आज भी गांव में नक्सलियों का आतंक बरकरार
इस घटना के बाद जहां कई लोगों ने अपना सबकुछ खो दिया तो कुछ अपना सब कुछ वहीं छोड़कर सिर्फ जान बचाने के लिए वहां छोड़कर दूसरी जगह जाकर बस गए. बारा गांव के लोगों में आज भी नक्सलियों का आतंक बरकरार है. वहां के लोग उस घटना के बारे में कैमरे में बोलना तक नहीं चाहते, उन्हें डर है कि कहीं ऐसी घटना को दोबारा से अंजाम ना दिया जाए.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand