भागलपुर के कहलगांव स्थित एनटीपीसी से निकलने वाले राख का पहाड़ है. पश्चिमी और पूर्वी बयार बहने के बाद एकचारी, भोलसर और धनौरा पंचायत के 20 से 25 हजार की आबादी बुरी तरह प्रभावित है. जब हवा चलती है, तो ऐश डाइक से ऐश उड़कर लोगों के घरों में प्रवेश करते हैं. आप तस्वीरों में भी देखेंगे, किस तरह से हवा चलने के बाद इलाका कुहासे में तब्दील हो जाता है हर तरफ धूल ही धूल नजर आते हैं, बीमारियां बढ़ रही है. खाना पानी सुरक्षित नहीं है. लोगों की मानें तो उनके मवेशियों को राख से ज्यादा नुकसान हो रहा है. कई बकरियां मर चुकी है. राख से खेतों में लगे फसलों और घास पर पड़त बैठता है बकरी उसको खाती है और बीमार होकर दम तोड़ देती है. इसको लेकर कभी कोई पहल नहीं हुई.
खाना पानी सुरक्षित नहीं
कहलगांव स्थानीय निवासी व गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन से बात हुई थी. ऐश के लिए टेंडर की समस्या आयी थी. सीमेंट फैक्ट्री लगती तो राख का काम हो जाता भाजपा सरकार आने के बाद इसकी समस्या समाप्त होगी. बिहार सरकार को इन चीजों से कोई मतलब नहीं है. एनटीपीसी से लोगों को बिजली मिलती है. राख न उड़े इसको लेकर एनटीपीसी प्रयास कर रही है. पानी का छिड़काव किया जाता है. कहलगांव विधायक पवन यादव ने कहा कि एनटीपीसी के आसपास गांव में जब घूमेंगे तो देखेंगे लोग इससे बीमार हो रहे हैं. घर राख से भर जाता है, हवा चलने के बाद कई गांव में राख फैल जाता है.
एनटीपीसी को एनजीटी के गाइडलाइन का पालन करना है. लोगों को ऐश से समस्या ना हो, वातावरण प्रदूषित ना हो. इसके लिए एनटीपीसी प्रबंधन को कहा गया है. प्रबंधन ये प्रयास कर रहा है कि लोगों को परेशानी ना हो, ऐश का बेहतर मैनेजमेंट हो, इसपर एनटीपीसी काम करेगी.
HIGHLIGHTS
- एनटीपीसी से निकलने वाले राख से बना पहाड़
- खाना पानी सुरक्षित नहीं
- लोगों के लिए ही परेशानियों का सबब
Source : News State Bihar Jharkhand