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बिहार : यहां मिड डे मील के लिए बच्चे खुद ही उगा रहे अपने लिए सब्जियां, शुरू हुई नई पहल

पोषण वाटिका योजना के तहत बेगूसराय जिले के 68 स्कूलों को खेती के लिए चयनित किया गया है जहां स्कूली बच्चों के द्वारा हरी सब्जी की खेती की जाएगी.

Updated on: 10 Jul 2019, 06:05 PM

Patna:

बेगूसराय में बच्चों के द्वारा स्कूल में खेती कर हरी सब्जियां उगायी जा रही है और वही सब्जी अब बच्चों को एमडीएम में खाने को मिल रही हैं. पोषण वाटिका योजना के तहत बेगूसराय जिले के 68 स्कूलों को खेती के लिए चयनित किया गया है जहां स्कूली बच्चों के द्वारा हरी सब्जी की खेती की जाएगी. फिलहाल 8 स्कूलों में इसकी शुरुआत हो चुकी है जहां खेतों में बच्चे मेहनत कर हरी सब्जी लगा रहे हैं. स्कूल ड्रेस में खेतों में काम कर रहे यह बच्चे बरौनी प्रखंड के मसनदपुर मध्य विद्यालय के छात्र हैं. इन बच्चों के द्वारा स्कूल में क्यारियां बांटकर सब्जी की फसल लगाई गई है जो अब फलने भी लगी हैं और इसका उपयोग स्कूल के मध्यान भोजन में किया जा रहा है.

इस स्कूल में दिसंबर से ही स्कूल के बगल के डेढ़ कट्ठा जमीन को बच्चों के बीच छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर ग्रुप बना दिया गया और यह बच्चे खेतों में झींगा, कद्दू, बोरा, पुदीना, भिण्डी और साग की खेती कर रहे हैं. बच्चे स्कूल में पढ़ाई के साथ साथ खाली समय में खेतों में काम कर सब्जी की फसल उगा रहे हैं और उसका उपयोग मध्यान भोजन में किया जा रहा है ताकि बच्चों में पोषण की कमी ना हो.

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दरअसल स्कूल के बगल के डेढ़ कट्ठा जमीन में विद्यालय प्रधान कुमारी पूनम भवन बनाना चाहती थी लेकिन जब विभाग से मंजूरी नहीं मिली तो खेती करने का मन बनाया और बच्चों से हरी सब्जी की खेती करनी शुरू करा दी, हालांकि अब अप्रैल माह में केंद्र सरकार के द्वारा हर विद्यालय में जिसके पास जमीन है पोषण वाटिका लगाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है. बरौनी प्रखंड के मध्य विद्यालय में आदेश के पहले से स्कूली बच्चों से खेती कराई जा रही है जो सराहनीय है.

इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार का आदेश है कि जिस भी स्कूल में अपनी जमीन है उस विद्यालय में बच्चों से हरी सब्जी की खेती कराई जाएं. इसका मकसद है कि बच्चों को द्वारा उगाई गई हरी सब्जी मध्यान भोजन में उपयोग की जाएगी. जिससे बच्चों को पूरा पोषण मिलेगा और बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेती से भी जुड़ सकेंगे. फिलहाल बेगूसराय में 68 स्कूलों का चयन खेती के लिए किया गया है जिसमें से 8 स्कूलों में खेती शुरू कर दी गई है.