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भिखारियों को अब मिलेगा रोजगार, 10 शहरों में शुरू होने जा रही है योजना

राज्य में मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना को केंद्र सरकार ने 10 शहरों में शुरू किया है. योजना के तहत समाज कल्याण विभाग ने भिक्षावृत्ति करने वालों को कौशल प्रशिक्षण योजना से जोड़ने की पूरी तैयारी कर ली है.

Updated on: 26 Jul 2022, 06:03 PM

Patna:

बिहार में भिखारियों की संख्या अधिक है. जो कि सरकार के लिए परेशानी का सबक बन चूका है. सरकार लगातार इससे निपटने के लिए योजनाएं लाती है, लेकिन फिर भी ये संख्या कम नहीं होती है जिसके चलते बिहार अभी भी पिछड़े राज्य में आता है. लोगों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता है. ऐसे में अब सरकार ने भिखारियों को रोजगार से जोड़ने के लिए एक ऐसी योजना बनाई है जो कि उन्हें रोजगार देगा भिक्षावृत्ति से मुक्त करेगा.

भिखारियों को रोजगार से जोड़ने के लिए बड़ी पहल की शुरूआत की गई है. राज्य में मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना को केंद्र सरकार ने 10 शहरों में शुरू किया है. योजना के तहत समाज कल्याण विभाग ने भिक्षावृत्ति करने वालों को कौशल प्रशिक्षण योजना से जोड़ने की पूरी तैयारी कर ली है. जिसके जरिए भीखारियों को उनकी कुशलता के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें और भिक्षावृत्ति से मुक्त हो सके.

भिखारियों को मिलेगा रोजगार

समाज कल्याण विभाग के अनुसार योजना के तहत 10 हजार भिखारियों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करा कर उन्हें इस आधार से जोड़ लिया जाएगा. इसके साथ ही, उन्हें योजना का लाभ देते हुए रोजगार के लिए जागरुक भी किया जाएगा. इसके लिए विभाग ने सभी जिले के डीएम को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. विभाग कहा कि राज्य के सभी जिलों में इस योजना के तहत हर भिखारी को लाभ मिल सके और उन्हें रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जाए. विभाग ने साथ ही जानकारी दी है कि योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए हर तीन महीने पर विभागीय बैठक होगी, जिसमें जिलों को जवाब देना होगा कि वहां कितने भिखारियों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया है, और उनमें से कितनों को रोजगार से जोड़ा गया है.

किन जिलों का चयन?

समाज कल्याण विभाग ने इस योजना को लागू करने के लिए पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, वैशाली, अररिया, किशनगंज, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय, मधेपुरा, औरंगाबाद और अरवल को चुना है. हालांकि पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, सारण, सहरसा, रोहतास, नालंदा और कटिहार में यह योजना पहले से ही चलाई जा रही है.

भिखारियों को किया जाएगा जागरुक

योजना के तहत अब राज्य के सभी जिलों के भिखारियों को जागरुक करने का काम किया जाएगा. जिसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा. जिसके तहत भिक्षावृत्ति से मुक्त किए गए भिखारी और एनजीओ कार्यकर्ता मिलकर अन्य भिखारियों को जागरुक करेंगे ताकि उन्हें भी प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जा सके और सम्मान भरा जीवन दिया जा सके.