गया से मधुमक्खियां जाएंगी टूर पर, इन राज्यों का करेंगी भ्रमण
गया जिले की मधुमक्खियां नवंबर महीने से बिहार सहित झारखंड, एमपी, छत्तीसगढ़ व राजस्थान टूर पर निकलने वाली है.
Gaya:
गया जिले की मधुमक्खियां नवंबर महीने से बिहार सहित झारखंड, एमपी, छत्तीसगढ़ व राजस्थान टूर पर निकलने वाली है. वहां के खेतों में वे मधुमक्खियां 1-1 महीने तक रहेगी. मधुमक्खियों को ट्रिप पर भेजने के लिए जिले के सभी बड़े और छोटे मधुमक्खी पालने वाले किसानों ने तैयारी कर ली है. इस ट्रिप पर मधुमक्खियों के साथ-साथ उनके पालने वाले भी होंगे. गया जिले के सबसे बड़े मधुमक्खी पालन करने वाले किसान शशि कुमार ने बताया कि जिले में अभी वैसे फसल नहीं लगाए जाते हैं, जिनका फूल का रस मधुमक्खियां चूस सके. मधुमक्खियों के रस के लिए प्रत्येक साल नवंबर महीने से 8 महीने तक ट्रिप पर रहती है. सबसे पहले झारखंड फिर एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान और लीची के समय में मुज़फ्फरपुर होते हुए वापस गया जिला मधुमक्खियां आती है.
इसके साथ ही झारखंड के कई जिलों में वनतुलसी की खेती होती है तो मधुमक्खियों के इन बॉक्स को वहां पर रखा जाता है. जहां से उनका रस चूसती है, उसके बाद राजस्थान में सरसों का फूल से रस निकालेगी. उसके बाद यह मधुमक्खियों इसी तरह ट्रिप पर रहती है और उनके साथ मधुमक्खी पालक भी साथ में रहते हैं, जो बॉक्स को अन्य स्थानों पर लेकर जाते हैं. इसके साथ ही बताया कि पूरे 8 महीने के टूर पर एक बॉक्स से लगभग 50 किलोग्राम शहद निकाली जाती है. इसी तरह कुल 3 हजार बॉक्स से 1लाख 50 हजार किलोग्राम शहद की निकाली जाएगी, जिससे मधुमक्खी पालक किसानों को करोड़ों रुपए की आमदनी होगी. वहीं शहद की क्वालिटी भी उत्तम होती है. सारे शहद की पैकिंग कर बिक्री के लिए बाजारों में उपलब्ध कराया जाता है. मधुमक्खी पालन से जहां शहद से आमदनी होती है, वहीं जिस क्षेत्र में बॉक्स रखा जाता है. वहां के फसलों का पैदावार भी बढ़ती है.
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