बनमनखी विधानसभा सीट का जानिए पूरा हाल, इस बार किसकी नैय्या होगी पार
बीजेपी के कृष्ण कुमार ऋषि बनमनखी सीट विधायक हैं. यह क्षेत्र समाजवादी विचारधारा का गढ़ रहा है. हाल के राजनीतिक उथल-पुथल बड़ा प्रभाव हुआ है. विकास यहां का बड़ा मुद्दा है, जिस पर भरोसा जीतने की सबने कोशिश की है. जातीय समीकरण इस सीट पर रंग दिखाती
पूर्णिया:
बनमनखी विधानसभा सीट 1962 से अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. 2000 से यहां से भारतीय जनता पार्टी जीतती आयी है. उसके पहले जनता दल और कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा रहा. वैसे तो यह एनएच 31 के किनारे बसा हुआ है, मगर विकास के लिहाज से आज भी हाशिये पर है. यहां की इकलौता चीनी मिल सालों से बंद है. हर चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा बनता है, मगर चुनाव के बाद नेता, पार्टी और सरकार सभी इसे भुला देते हैं. रोजगार का बड़ा साधन नहीं है. लिहाजा पलायन बड़ी समस्या है.
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फिलहाल, भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण कुमार ऋषि इस सीट विधायक हैं. यह क्षेत्र समाजवादी विचारधारा का गढ़ रहा है. हाल के राजनीतिक उथल-पुथल बड़ा प्रभाव हुआ है. विकास यहां का बड़ा मुद्दा है, जिस पर भरोसा जीतने की सबने कोशिश की है. जातीय समीकरण इस सीट पर रंग दिखाती रही है. महादलित-वैश्य संख्या अच्छी-खासी है. यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक होते हैं.
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बनमनखी विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. इस वजह से इस सीट पर जीतन राम मांझी के फैक्टर को कम नहीं माना जा सकता है. दलित फैक्टर को देखते हुए नीतीश कुमार ने मांझी से नजदीकीयां बढ़ाई और मांझी को एनडीए में शामिल कराया. ताकि इस सीट पर एनडीए गठबंधन प्रत्याशी के जीत के चांस सबसे ज्यादा रहे. वैसे भी भी ये इस इस वक्त बीजेपी के पास है. जो एनडीए गठबंधन का नेतृत्व कर रही है.
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