श्मशान घाट में बना है बिहार का यह ऐतिहासिक मंदिर, इसकी कहानी जानकर हैरान रह जायेंगे आप

बिहार के बांका से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां प्रखंड क्षेत्र के चौरा, लखराज, खुटहरी और राजपुर गांव के बीच श्मशान घाट में स्थापित ब्रह्माणी काली मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है.

बिहार के बांका से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां प्रखंड क्षेत्र के चौरा, लखराज, खुटहरी और राजपुर गांव के बीच श्मशान घाट में स्थापित ब्रह्माणी काली मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है.

author-image
Ritu Sharma
New Update
Bihar unique temple

श्मशान घाट मंदिर( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

बिहार के बांका से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां प्रखंड क्षेत्र के चौरा, लखराज, खुटहरी और राजपुर गांव के बीच श्मशान घाट में स्थापित ब्रह्माणी काली मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है. वहीं, ब्राह्मणी काली मंदिर में न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि कई जिलों से भी लोग माथा टेकने और मन्नत मांगने आते हैं. मन्नतें पूरी होने पर श्रद्धालु धूमधाम से पूजा-अर्चना करते हैं और जानवरों की बलि देते हैं.

Advertisment

बसंत मेले का होता है आयोजन

आपको बता दें कि यहां दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु संतान प्राप्ति और बीमारियों से मुक्ति की प्रार्थना करने आते हैं। वैशाखी पूर्णिमा के दिन काली मंदिर परिसर में बसंत मेले का भी आयोजन किया जाता है, जहां प्रसाद का सेब आदि फलों का वितरण पूरे गांव में किया जाता है. वहीं मेले की व्यवस्था को लेकर युवाओं की टोली तैयार रहती है. ब्राह्मणी काली मंदिर की स्थापना करीब डेढ़ सौ साल पहले गांव के पूर्वजों ने श्मशान घाट में की थी, जहां काली मंदिर के श्मशान घाट पर ही मैथिली रीति-रिवाज के अनुसार शवों का दाह संस्कार किया जाता है. इसके अलावा विदेश में मृत्यु होने पर शव का अंतिम संस्कार कई पीढ़ियों से उक्त श्मशान घाट पर होता आ रहा है.

यह भी पढ़ें: Diwali 2023: आपके घर में रोशनी फैलाने को बेकरार हैं कुम्हार, दिवाली पर जरूर खरीदें मिट्टी के दीये 

40 वर्ष पूर्व इस मंदिर का हुआ था निर्माण

आपको बता दें कि कच्ची मंदिर का निर्माण 40 साल पहले हुआ था और तब लोगों की आवाजाही बढ़ गई थी. संग्रामपुर के पूर्व मुखिया संजीव कुमार यादव समेत गांव के युवाओं ने मंदिर को विकसित करने का काम शुरू किया. वहीं पक्की के मंदिर का निर्माण तीन साल पहले शुरू हुआ था. पिछले साल मंदिर में राजस्थान से लाई गई एक पत्थर की मूर्ति स्थापित की गई थी। यह मूर्ति एक ही काले पत्थर पर काली माता का रूप है. साथ ही स्थापना के लिए बनारस और गुरुधाम से भी पंडित आये थे, जिसमें पुजारी त्रिलोचन झा उर्फ ध्रुव, अध्यक्ष अशोक कुमार झा बाबा, सचिव सुधीर कुमार झा, कोषाध्यक्ष संजय कुमार झा मशान, लाल बाबू झा, अधिवक्ता त्रिपुरारीचरण झा, पंसस संजय झा, कन्हैया झा, गणेशचंद्र झा, राणा सिंह, रामबाबू सिंह, लक्ष्मण सिंह आदि मंदिर के विकास, पूजा अर्चना, मेला आदि के लिए सक्रिय रहते हैं.

Source : News State Bihar Jharkhand

Bihar News hindi news Bihar Breaking News Banka News Banka hindi News Banka Today News Banka History News
      
Advertisment