भागलपुर में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली ऐसी है कि लोगों को सुविधायें तक मिल नहीं पा रही है. हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण स्तर पर तो 80 फीसदी स्वास्थ्य केंद्रों को अपना भवन तक नसीब नहीं है. आपको बता दें कि भागलपुर के बरारी रोड में 200 करोड़ की लागत से सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बन रहा है, लेकिन ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा की हालत बेहद खराब है. हाल ये है कि बदहाली के भंवर में जिले का कई स्वास्थ्य केंद्र हिचकोले खा रहे हैं. सुविधाओं का टोटा बना हुआ है. कागज और नेताओं के जुबान पर जब स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर दावे किये गये थे तो यहां के लोगों की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी कि अब यहां बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं मयस्सर हो पाएंगी, लेकिन ये अस्पताल उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए न तो आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए गए और न ही डॉक्टर.
स्वास्थ्य केंद्रों के पास नहीं है अपना भवन
बिहार के अस्पतालों को चमकाने में भले ही कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हो, लेकिन स्वास्थ्य सेवा के बेहतरी के दावे की पोल खोलने के लिए स्वास्थ्य केंद्र सरधो का ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काफी है. सामुदायिक भवन में अस्पताल चल रहा है, वो भी मुखिया की मेहरबानी से. मरीज तो राम भरोसे ही इस अस्पताल में आते हैं. क्योंकि सुविधाओं के नाम पर यहां सिर्फ ढकोसला है. 12 साल से जिस सामुदियाक भवन में अस्पताल का संचालन हो रहा हो वो भी सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे, तो सुविधायें यहां क्या होगी.. उसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है.
डॉक्टरों का अभाव
ना सिर्फ सरधो, जिले के 80 फीसदी से ज्यादा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का यही हाल है. सालों से अस्पतालों को अपना भवन तक नसीब नहीं हुआ. अब ऐसे बदहाल अस्पतालों में जब मरीजों को लाया जाता है तो यहां की बदहाल व्यवस्था सामने आ जाती है. डॉक्टरों और कर्मियों के अभाव में यहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नही मिल पाती. भागलपुर के 80 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य उपकेंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य केंद्र और उपकेंद्र को दुरुस्त करवाने की दिशा में कई बार पहल जरूर की गई, लेकिन नतीजा सिफर रहा.
रिपोर्ट : अजय कुमार
HIGHLIGHTS
- भागलपुर में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था
- स्वास्थ्य केंद्रों के पास नहीं है अपना भवन
- डॉक्टरों का अभाव
Source : News State Bihar Jharkhand