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सावधान! कहीं आपके घर में दूध के नाम पर जहर तो नहीं आ रहा

पैसे कमाने की होड़ में मिलावटखोर आपकी सेहत से खिलवाड़ करने में जरा भी नहीं सोचते. जिस दूध को आप अमृत मानकर हर दिन अपने परिवार को देते हैं वो जहर की तरह आपको और आपके परिवार को बीमार, बहुत बीमार कर सकता है.

Updated on: 07 Apr 2023, 03:23 PM

highlights

  • पौष्टिकता के नाम पर जान से खिलवाड़
  • बाजार में आ रही है मिलावटी दूध
  • अनाज में भी मिलावट

Begusarai:

पैसे कमाने की होड़ में मिलावटखोर आपकी सेहत से खिलवाड़ करने में जरा भी नहीं सोचते. जिस दूध को आप अमृत मानकर हर दिन अपने परिवार को देते हैं वो जहर की तरह आपको और आपके परिवार को बीमार, बहुत बीमार कर सकता है. बिहार में नकली दूध का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है. तरह-तरह के कैमिकल से बनाए जाने वाले दूध को पीकर लोग ना सिर्फ बीमार पड़ रहे हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों को भी दावत दे रहे हैं. मिलावटखोर पशुपालन में पैसा ना खर्च कर कैमिकल से ही दूध बनाकर खुलेआम बाजार में बेच रहे हैं.

दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम

किसानों का कहना है कि पहले देसी नस्ल की गाय हुआ करती थी, जिसमें दूध की आपूर्ति लोगों तक सही तरीके से नहीं हो पाती थी. जिसके बाद देश में फ्रीजियन और जर्सी गायों का चलन बढ़ा, लेकिन इन गायों के दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है. जबकि देसी गायों में रोग प्रतिरोधक क्षमता आज भी ज्यादा है. ये भी एक कारण है कि दूध में विदेशी नस्ल के गायों के दूध से पौष्टिकता नहीं मिल पाती. इसके अलावा बाजार में दूध की मांग की तुलना में सप्लाई कम है. ऐसे में मिलावटखोर कैमिकल से ही दूध बनाने में लग जाते हैं, जिससे बड़ी संख्या में बूढ़े और बच्चे गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.

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एक्शन में प्रशासन

हालांकि मिलावटखोरी के खिलाफ अब बेगूसराय का जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. जिला अधिकारी की मानें तो मिलावटी दूध के रोकथाम के लिए जिले में एक टीम का गठन कर दिया गया है और दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई भी की जा रही है.

अनाज में भी मिलावट

मिलावटखोरी आज सिर्फ दूध या मिठाईयों तक ही सीमित नहीं है. अनाज से लेकर तमाम खाने की चीजों में मिलावट का गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है. कुछ मामलों में तो आरोपियों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन आज भी बड़े पैमाने पर लोगों की स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले अपना कारोबार बड़े आराम से चला रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि शासन-प्रशासन इस समस्या को गंभीरता से ले ताकि मिलावटखोरों पर नकेल कसी जा सके.

रिपोर्ट : जीवेश तरुण