बिहार में पिछले कई महीनों में हुए सांप्रदायिक घटना में एकतरफा कार्रवाई का आरोप बिहार सरकार पर वादा भाजपा नेताओं ने सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया. इसके साथ ही कहा कि सरकार किसी धर्म विशेष को देख कर कार्यवाही कर रही है. चाहे घटना सासाराम की हो, बिहारशरीफ या दरभंगा. बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शासन व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया. इसको लेकर कई तरह के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं. क्या सच में सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है या भाजपा आने वाले दिनों के लिए चुनावी तैयार कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी के बयानों के बाद सरकार की तरफ से जनता दल यूनाइटेड के बिहार विधान परिषद के सदस्य खालिद अनवर का बयान सामने आया और भारतीय जनता पार्टी पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया. भारतीय जनता पार्टी के पास कुछ नहीं है विकास के मुद्दे समस्याओं पर बात नहीं करती सिर्फ तुष्टिकरण ही करती हैं. जितनी भी घटनाएं इस तरीके की हो रही है, इसमें भाजपा का हाथ है.
JDU के व्हिप पर घमासान
बिहार के लोग समझ रहे हैं कि भाजपा के लोग कितने बड़े ड्रामेबाज और जादूगर लोग हैं. हम न्याय के साथ विकास में उम्मीद रखते हैं. जो कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा, हमारी सरकार ऐसे लोगों को जेल भेजेगी. भाजपा के केंद्रीय मंत्री को भी सासाराम मामले में जेल हो गई. मणिपुर की घटना को लेकर भी भाजपा पर गंभीर आरोप लगा दिया, तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लॉ एंड ऑर्डर सवालों पर स्पष्ट रूप से कहा कि इनकी विभाजन कारी नीतियों को बिहार में सफल नहीं होने देंगे. अभी तक जितनी भी घटनाएं हुई है, उसमें भारतीय जनता पार्टी की नेताओं की संलिप्तता पाई गई है. उसी आधार पर सरकार ने कार्रवाई की है. यह लोग माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं.
उपसभापति हरिवंश को भी जारी हुआ व्हिप
वहीं, राजद ने भी अपने सरकार का बचाव किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी जिस नीति पर काम कर रही है, वह बिहार में कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा. पार्टी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने स्पष्ट रूप से सर्व धर्म सम्मान की बात कही और कहा कि बिहार में सभी धर्मों का सम्मान होता है. किसी भी घटना में जिनकी संलिप्ता पाई जाती है, उन पर सरकार कार्रवाई करती है. भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेकना है, जिसमें सभी दल एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देने के लिए JDU ने व्हिप जारी किया है, लेकिन खास बात ये है कि ये व्हिप राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी भेजी गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि पार्टी के सांसद जो संवैधानिक पद पर हैं, उन्हें व्हिप जारी करने का क्या मकसद है. क्या JDU को लग रहा था कि राज्यसभा के उपसभापति पार्टी लाइन के खिलाफ वोट कर सकते हैं.
क्या व्हिप के दायरे में आते हैं उपसभापति?
केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता की मुहिम जोरो शोरों से चल रही है. इस बीच विपक्षी गठबंधन केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है, लेकिन विपक्ष की इस कोशिश ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को धर्मसंकट में डाल दिया है. क्योंकि केंद्र सरकार के खिलाफ होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देने के लिए JDU ने व्हिप जारी किया है. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी पार्टी का व्हिप स्पीड पोस्ट के जरिए भेजा गया है. चूंकि हरिवंश JDU से सांसद हैं इसलिए वो भी व्हिप के दायरे में आते हैं. यानी पार्टी ने उन्हें अविश्वासन प्रस्ताव को लेकर पार्टी के स्टैंड का समर्थन करने कहा है. अब JDU के व्हिप ने सियासी गलियारों में ये चर्चा तेज कर दी है कि विपक्ष को डर था कि हरिवंश उनके खिलाफ जाएंगे इसी वजह से उन्हें व्हिप जारी किया गया. लेकिन JDU का कहना है कि पार्टी के सांसदों को व्हिप जारी करना एक सामान्य प्रक्रिया है.
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर धर्मसंकट में हरिवंश?
एक तरफ JDU इसे पार्टी की सामान्य प्रक्रिया बता रही है तो वहीं बीजेपी का दावा है कि राज्यसभा के उपसभापति की नजदीकियां बीजेपी से बढ़ी हैं. और इससे JDU खफा भी है. तो वहीं RJD इस मुद्दे से खुद को किनारा कर रही है और इसे JDU का अंदरूनी मामला बता रही है.
ये तो पार्टियों के दावे हुए. लेकिन सवाल उठता है कि क्या राज्यसभा के उपसभापति पर व्हिप लागू होता है. दरअसल
नियमों के मुताबिक व्हिप के दायरे से सिर्फ सभापति बाहर रहता है
यानी संवैधानिक पद पर आसीन होने पर व्हिप लागू नहीं होता
क्योंकि जब कोई सांसद आसन पर होता है, तब वो किसी भी दल का नहीं होता
लिहाजा आसन पर बैठा सांसद व्हिप के दायरे में नहीं होंगे
लेकिन अगर हरिवंश वोटिंग के दौरान आसन पर नहीं बैठेंगे तो व्हिप के दायरे में आएंगे
केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बना रही है. वैसे विपक्ष भी ये मानकर चल रही है कि लोकसभा में बहुमत NDA के साथ है, लेकिन राज्यसभा में मामला फंसा हुआ है. इस बीच JDU को इसी बात का डर है कि अगर व्हिप जारी नहीं किए, तो कहीं उनके सांसद सत्ता पक्ष के समर्थन में वोट ना कर दें.
HIGHLIGHTS
- उपसभापति हरिवंश को भी जारी हुआ व्हिप
- क्या व्हिप के दायरे में आते हैं उपसभापति ?
- अविश्वास प्रस्ताव को लेकर धर्मसंकट में हरिवंश?
Source : News State Bihar Jharkhand