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अग्निपथ के खिलाफ ठंडा पड़ा गुस्सा, बिहार-झारखंड में नहीं दिखा बंद का असर

भारतीय सेना में अल्पकालीन भर्ती योजना अग्निपथ के खिलाफ अब लोगों का गुस्सा कम होता नजर आ रहा है. अग्निपथ के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसा वाले राज्य बिहार में अग्निपथ के खिलाफ सोमवार को कई संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का राज्य में असर बहुत कम देखने को मिला है. स्थानीय स्रोतों से आ रही खबरों के मुताबिक एक-दो स्थानों को छोड़ दें तो सूबे में माहौल शांतिपूर्ण रहा.

Updated on: 20 Jun 2022, 01:15 PM

नई दिल्ली:

भारतीय सेना में अल्पकालीन भर्ती योजना अग्निपथ के खिलाफ अब लोगों का गुस्सा कम होता नजर आ रहा है. अग्निपथ के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसा वाले राज्य बिहार में अग्निपथ के खिलाफ सोमवार को कई संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का राज्य में असर बहुत कम देखने को मिला है. स्थानीय स्रोतों से आ रही खबरों के मुताबिक  एक-दो स्थानों को छोड़ दें तो सूबे में माहौल शांतिपूर्ण रहा. इस दौरान कई स्थानों पर पर बाजार खुले रहे और वाहनों की आवाजाही आम दिनों की तरह होती रही. इसके अलावा बिहार से अलग होकर अलग राज्य बने झारखंड के जमशेदपुर में भी बंद बेअसर नजर आया. 

 
हालांकि, सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस की तैनाती को देखते हुए आम जनता सड़क पर वाहन लेकर निकलने से गुरेज कर रही. गौरतलब है कि अग्निपथ के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद बीते दो दिनों के भीतर पुलिस ने हिंसा करने वाले 800 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही उपद्रवियों के फोटो सार्वजनिक किए जा रहे हैं, इससे भी प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों में खौफ पैदा हुआ है. दरअसल, भारत बंद के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा. खबरों के मुतबिक बिहार के राजधानी राजधानी पटना के अलावा पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल, मुंगेर, आरा समेत अन्य जिलों से सोमवार को किसी तरह के प्रदर्शन की कोई खबर नहीं है.

राज्यभर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
राज्य में भले ही भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा हो, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने एहतियातन सभी जिलों में रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और शहरों के प्रमुख चौक-चौराहों पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है.
 

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गिरफ्तारी से प्रदर्शनकारियों में बढ़ा खौफ
प्रदर्शनकारियों के बवाल में कमी की एक बड़ी वजह पुलिस का सख्त एक्शन भी माना जा रहा है. दरअसल, बीते दो दिनों के अंदर अलग-अलग जिलों की पुलिस ने उपद्रव के खिलाफ एक्शन लेते हुए करीब 800 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, 150 से ज्यादा FIR दर्ज की गई है. इसके इलावा राज्य की राजधानी पटना जिले में कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी जांच की जा रही है. जांच में किसी भी तरह की संलिप्तता पाए जाने पर दोषी कोचिंग संचालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इसके सात ही पुलिस की साइबर सेल सोशल मीडिया पर पैनी नजर बनाए हुई है. वहीं, बिहार के  20 जिलों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं और सोशल मीडिया ऐप्स को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. माना चा रहा है कि सोशल मीडिया पर बैन से भी लोगों का आक्रोश कम हुआ है.