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सिविल सर्जन कार्यालय के सामने रखी बस ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)
एंबुलेंस मरीजों के लिए होता है. जब भी किसी मरीज को इसकी जरूरत पड़ती है तो उन्हें एंबुलेंस मुहैया कराया जाता है. मगर लखीसराय में कुछ और ही तस्वीर देखने को मिली है. जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है. यहां एंबुलेंस से मरीजों को नहीं बल्कि छात्राओं को ले जाना का काम किया जाता है. जी हां सामानों की तरह भर कर उन्हें एंबुलेंस से कॉलेज पहुंचाया और लाया जाता है. जबकि स्कूल की बस परिसर में खड़ी है मगर फिर भी इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
लखीसराय के सदर अस्पताल की ये पूरी घटना है. जहां एएनएम स्कूल की छात्राओं को एंबुलेंस में भर कर कॉलेज पहुंचाया और लाया जाता है. जबकि हैरानी की बात है कि एएनएम स्कूल पहुंचाने के लिए सदर अस्पताल के सिविल सर्जन कार्यालय के सामने बस रखी है लेकिंन इसका इस्तेमाल नहीं होता है. कॉलेज की शोभा बढ़ाने का केवल ये बस काम कर रही है. क्योंकि छात्राओं को तो एंबुलेंस से कॉलेज पहुंचाया जाता है.
आपको बता दें कि, पहले टोटो से सभी छात्राओं को ले जाने का काम किया जाता था लेकिन अब एंबुलेंस के जरिए 14 छात्राओं को कॉलेज लाने और ले जाने का काम एक बार में किया जाता है. एंबुलेंस की सुविधा सरकार के द्वारा मरीजों को लाने और ले जाने के लिए दिया गया है मगर यहां मरीजों को तो एंबुलेंस नहीं मिल रहा है और छात्राओं को कॉलेज पहुंचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. अब ये बात जांच की है कि आखिर किसके आदेश पर ये काम किया जा रहा है. सदर अस्पताल के एंबुलेंस कर्मी या पदाधिकारी के निर्देश पर छात्राओं को एएनएम स्कूल लाया और पहुंचाया जा रहा है.
रिपोर्ट - अजय झा
Source : News State Bihar Jharkhand
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