जातीय गणना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू, केंद्र ने SC में दाखिल किया हलफनामा
बिहार में जातीय गणना पर सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रहा. इसे लेकर सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था.
highlights
- जातीय गणना पर सियासत
- केंद्र सरकार ने SC में हलफनामा दायर किया
- बिहार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
Patna:
बिहार में जातीय गणना पर सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रहा. इसे लेकर सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया था. केंद्र सरकार की तरफ से जो हलफनामा दायर की गई है, उसमें जनगणना अधिनियम 1948 का उल्लेख किया गया है. गृह मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकार के पास जनगणना का अधिकार नहीं है. संविधान में किसी अन्य निकाय या प्राधिकरण के पास गणना कराने का अधिकार नहीं है. बता दें कि केंद्रीय अनुसूची के 7वें शिड्यूल में 69वें क्रम के तहत जातीय जनगणना कराने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है. वहीं, केंद्र सरकार के हलफनामे के बाद एक बार फिर से बिहार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है.
यह भी पढ़ें- Politics: जातीय गणना पर सियासत जारी, बयानबाजी के बाद क्रेडिट लेने की बारी!
जातीय गणना को लेकर केंद्र सरकार ने दायर किया हलफनामा
जातीय आधारित गणना को लेकर भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि बिहार सरकार ने कहा था कि वह बिहार में जाति आधारित सर्वे करवा रही है. भाजपा प्रवक्ता ने आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा कि चरवाहा संस्कृति से पढ़े हुए नेताओं को इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि राजद और जदयू के नेताओं को जाति आधारित करना और सर्वे के बीच में अंतर समझना होगा.
बिहार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जाति आधारित गणना को लेकर दिए गए हलफनामे पर राजनीति शुरू हो गई है. जदयू ने कहा है कि इससे साफ हो गया है कि भाजपा कभी यह चाहती ही नहीं थी कि जाति आधारित गणना बिहार में हो सके. जदयू प्रवक्ता भारती मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार के इस हालखाना में से स्थापित हो गया कि भाजपा पिछड़ा अति पिछड़ा एवं दलित विरोधी है.
भाजपा लोगों का हक मारने का कर रही प्रयास
जाति आधारित गणना को लेकर आरजेडी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी वंचित समाज के लोगों को हक करने का प्रयास कर रही है. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का दोहरा चरित्र सामने आया है. इस हलकान में के बाद साफ हो गया कि बीजेपी वंचित और शोषित वर्गों के लोगों को हक नहीं देना चाह रही है. आपको बता दें कि बिहार के बाद यूपी, एमपी समेत अन्य राज्यों में भी जातीय गणना की मांग उठने लगी है, जिसे लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया.
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