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महागठबंधन पार्टियां किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का समर्थन करेंगी: तेजस्वी

बिहार की राष्ट्रीय जनता दल यारी आरजेडी ने आगामी 27 सितंबर को 15 राज्यों में भारत-बंद में शामिल होने का ऐलान किया है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कहा कि सभी महागठबंधन पार्टियां 27 सितंबर को किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का समर्थन करेंगी

Updated on: 24 Sep 2021, 11:10 PM

नई दिल्ली:

बिहार की राष्ट्रीय जनता दल यारी आरजेडी ने आगामी 27 सितंबर को 15 राज्यों में भारत-बंद में शामिल होने का ऐलान किया है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कहा कि सभी महागठबंधन पार्टियां 27 सितंबर को किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का समर्थन करेंगी...वहीं, जाति जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हलफनामा देकर कहा कि वे जाति जनगणना की अनुमति नहीं देंगे. लेकिन यह बिहार और 80-90% भारतीयों का सचेत निर्णय है कि जाति की जनगणना होनी चाहिए. तेजस्वी यादव ने कहा कि यह (जाति आधारित जनगणना) राष्ट्रीय हित का है. हमें वैज्ञानिक आंकड़ों की जरूरत है। हम इस बारे में सोचने के लिए सीएम (नीतीश कुमार) को 2-3 दिन का समय दे रहे हैं। हम उनकी प्रतिक्रिया देखना चाहते हैं और हमें उनके बयान की जरूरत है, जिसके बाद हम अपनी कार्य योजना पर चर्चा करेंगे.

आपको बता दें कि इससे पहले सीपीआई ने आगामी 27 सितंबर को 15 राज्यों में भारत-बंद में शामिल होने का ऐलान किया. कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत कई अन्य दल भी इस बंद में शामिल होंगे. सीपीआई ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के पक्ष में देशव्यापी बंद में शामिल होने का फैसला किया है. सीपीआई महासचिव अतुल कुमार अंजान ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, 15 राज्यों में पूर्ण बंदी होगी। तीन कृषि कानूनों, सभी कृषि उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की कानूनी गारंटी, बिजली बिल 2020 की वापसी एवं 4 लेबर कोड रद्द करने की मांग को लेकर किसान संगठनों द्वारा आगामी 27 सितंबर को देशव्यापी भारत बंद के निर्णय पर सारे देश में जोरदार तैयारियां चल रही हैं.

अंजान ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के कारण बढ़ती हुई महंगाई, बेरोजगारी, महिलाओं के साथ अपमानजनक घटनाएं, तालाबंदी, नोटबंदी, आर्थिक-संकट और विकास दर के गिरने के खिलाफ तथा मोदी सरकार की सांप्रदायिक नीतियों के विरुद्ध भारत बंद को मजदूरों, ट्रेड-यूनियनों, छात्र-युवा संगठनों, महिला-संगठनों एवं छोटे व्यापारियों, लेखकों, कलाकारों के संगठनों का भी व्यापक समर्थन मिल रहा है.